टीबी (TB) के कारण देशभर में होने वाली मौतों को भारत सरकार 90 प्रतिशत तक कम करना चाहती है. इस महत्वाकांशी लक्ष्य को पूरा करने में सरकार को पांच वर्ष का समय लग सकता है. फिलहाल भारत में प्रतिवर्ष हजारों टीबी रोगियों की घर अथवा अस्पताल में मौत हो जाती है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत सरकार टीबी से होने वाली मौतों को न के बराबर स्तर पर ले जाना चाहती है.
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स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का कहना है कि उनके मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक टीबी से होने वाली मौतों में 90 फीसदी कमी लाने का संकल्प लिया है. पिछले वर्ष टीबी की बीमारी से देश भर में 69 हजार 375 लोगों की मौत हुई थी.
एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में होने वाली मौतों के 10 बड़े कारणों में से एक टीबी है. भारत में अधिकांश मामलों में रोगियों को सही उपचार मिलने पर उनको स्वास्थ्य लाभ हुआ है. मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक टीबी के 18 लाख 19 हजार 873 नए रोगी सामने आए हैं. वहीं वर्ष 2018 में टीबी से ग्रस्त रोगियों की कुल संख्या 21 लाख 55 हजार 894 थी.
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सरकार का उद्देश्य टीबी के प्रत्येक रोगी तक पहुंच कर उसे सही व सटीक उपचार पहुंचाना है. दूर दराज के क्षेत्रों व गांवों में टीबी रोगियों के लिए दवा पहुंचाना काफी जटिल है. इसके लिए सरकार ने सामुदायिक सहयोग, सहायता व संचार, स्वास्थ्य आरोग्य केंद्र तथा क्षय रोग अंतर-मंत्रालयी सहयोग शुरू किया है. इसके लिए निजी स्वास्थ्य क्षेत्र को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया. साथ ही कॉरपोरेट क्षेत्र को भी टीबी से लड़ने के मिशन में जोड़ा गया है.
Source : आईएएनएस