देश भर में कोरोना एक बार फिर से दस्तक देने लगा है. जहां लोग कोरोना से लड़ कर जीत रहे थे वहीं अब एक बार फिर से लोगों को अपने ऊपर ध्यान और इस महामारी ज़रुरत है. देश भर में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में पिछले 24 घंटे में 1247 नए कोरोनावायरस संक्रमण के केस सामने आए हैं. पिछले लगभग 2 सालों से लगातार COVID-19 के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जिसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल जिनको भी कोरोना हुआ था उनको अब उनके साइड इफेक्ट्स होने का खतरा है. जिनमे कई तरह की बीमारियां शामिल है. इनमे से टाइप-2 डायबिटीज भी एक है.
यह भी पढ़ें- Depression का इलाज अब कोई पिल्स नहीं बल्कि करेगा Magic Mushroom
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद रिकवर हुए लोगों मे लंबे समय तक कुछ लक्षण देखे गए, जिसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है. यहां तक कि जो लोग कोविड के कारण हॉस्पिटल में भी एडमिट नहीं हुए थे, उन लोगों में भी यह जोखिम देखा जा सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन लोगों को कोरोनावायरस हुआ था उन लोगों में 12 महीनों के बाद हार्ट फेल का जोखिम 72 प्रतिशत अधिक बढ़ गया था. रिसर्च के मुताबिक, कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने बाद 12 महीनों के अंदर उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना 46 प्रतिशत अधिक थी. हालांकि जिन लोगों में हलके लक्षण थे उनमे भी डाईबेटिस का खतरा देखा गया है. इन सब का तोड़ ये है कि समय पर वैक्सीन लेते रहे. वैक्सीन लेने से इन सब का खतरा कम हो सकता है.
यह भी पढ़ें- बॉडी में Platelets की कमी पर दिखते हैं ये संकेत, जानें कैसे बढ़ाएं Platelets काउंट
Source : News Nation Bureau