भारत में ओरल (मुंह) कैंसर तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. एक दशक में मुंह के कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है. इसमें सबसे ज्यादा युवा वर्ग शामिल है. मुंह के कैंसर का सबसे प्रमुख कारण तंबाकू और उससे बने प्रोडेक्ट हैं. गुटखा, पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी या हुक्का पीने वालों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. ऐसे में समय रहते सतर्क होना जरूरी है. इस भयानक बीमारी से बचने के लिए इनके लक्षणों को जानना और उसकी जांच कराना भी जरूरी है. मुंह का कैंसर पहले ही कुछ संकेत और लक्षण देता है, अगर आपके मुंह में ये लक्षण दिख रहे हैं तो उसे बिना इग्नोर किए डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के हिसाब से इलाज शुरू करें. इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में हमने धर्मशिला अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट डॉ आनंद पाण्डेय से बात की तो उन्होंने कई अहम बातें बताईं.
उन्होंने कहा कि ओरल कैंसर आज तेजी से फैल रहा है. इसके कई कारण हैं, लेकिन गुटखा, सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला या हुक्का पीना इसके प्रमुख कारण. इसलिए मुंह के अंदर की कोई भी समस्या को हल्के में ना लें. डॉक्टर ने बताया कि ओरल कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं. जैसे मुंह के अंदर व्हाइट पैचेस (सफेद धब्बे) या लाल रंग का पैचेस होना, दांतों में दिक्कत होना, मुंह में लंबे समय से घाव का बना रहना, मसूड़े कटना, मुंह में दर्द, कान में दर्द, खाना निगलने में दिक्कत होना समेत कुछ ऐसे लक्षण हो तो तत्काल डेंटल सर्जन या डेंटल एक्सपर्ट से मिलकर अपनी समस्या बताएं.
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जब मुंह और बॉडी में दिखे ये लक्षण तो हो जाए सतर्क
ओरल कैंसर कहां से शुरू होने के सवाल पर डॉक्टर पाण्डेय ने बताया कि मुंह का कैंसर अक्सर मुंह के अंदर के हिस्से से शुरू होता है. ये आमतौर पर होंठ, गाल, जीभ, दांतें और मुंह के ऊपर-नीचे के हिस्से में होता है. इसके अलावा कान और कान में दर्द गले में खरास या टॉन्सिल या फिर लार ग्रंथियों से भी शुरू हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि तंबाकू सेवन करने वालों को ही मुंह का कैंसर हो सकता है. मेडिकल साइंस में कई बार देखा गया है कि जो लोग तंबाकू नहीं खाते हैं, उनमें भी ओरल कैंसर पाए गए हैं. अगर आपके खान-पान में प्रिजर्वेटिव है, केमिकल है या प्लास्टिक मौजूद है तो भी आप इस बीमारी की जद में आ सकते हैं. इसके अलावा आपको फ्रिज में रखा ज्यादा पुराना खाने से बचना चाहिए. खाने की गलत आदतें भी आपके मुंह की सेहत बिगाड़ सकती हैं.
कब पता चलता है कि यह ओरल कैंसर है?
मुंह के कैंसर का पता मुंह के अंदर, किसी भी हिस्से में या जीभ में या फिर होंठ के घावों से पता चल जाता है. डॉ पाण्डेय कहते हैं कि शुरुआत के 15 से 25 दिन के भीतर आपको घाव का आभास होने लगता है. मुंह में अगर व्हाइट पैचेस (सफेद निशान) या लाल दानें हों या फिर दांतों में तकलीफ हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए. तत्काल डेंटिस्ट के पास जाकर जांच करवानी चाहिए. क्योंकि यह कैंसर का संकेत हो सकता है.
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दांतों की समस्या भी है कैंसर की वजह
मैले दांतों में अगर बार-बार तकलीफ हो रही है या दांत गिर रहे हैं या फिर गिरे दातों की जगह पर गड्ढे भर नहीं रहे हैं तो यह कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में तुरंत डेंटल या ओरल सर्जन से मिलना चाहिए.
मुंह के कैंसर से कैसे करें बचाव?
डॉ पाण्डेय कहते हैं कि अगर मुंह में किसी तरह की समस्या आ रही है, तो जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी डेंटिस्ट से मिलें. आप जितनी जल्दी अपनी समस्या डॉक्टर से बताएंगे. रिकवरी होने के चांसेस ज्यादा होंगे. इसके अलावा हमें अपनी ओरल हेल्थ यानी कि अपने मुंह की सेहत दुरुस्त रखने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान देना चाहिए. मतलब कि सुबह और रात को सोने से पहले दांतों को ब्रश जरूर करना चाहिए. अगर आप पान मसाला खाते हैं तो इसे तत्काल रूप से बंद कर दें. अपने खाने पीने की आदतों में सुधार लाए. दांतों में या मुंह के अंदर किसी भी तरह की तकलीफ होने पर तुरंत डेंटल सर्जन से मिलें.
HIGHLIGHTS
- मुंह में दिख रहे ये लक्षण तो हो जाए सावधान
- ओरल कैंसर के ये हैं लक्षण और बचाव
- कितना खतरनाक है ओरल कैंसर