आज कल किसमें हार्ट प्रॉब्लम्स देखने को नहीं मिलती है. हर कोई हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम्स से परेशान है. अगर प्रॉब्लम हार्ट में होती है. तो इसका सीधा असर दिमाग पर भी पड़ता है. हार्ट के साथ-साथ दिमाग भी बीमार होने लगता है. वैसे भी आज कल दिल से जुड़े केसिज भी बहुत सामने आ रहे हैं. सिर्फ ऐसा नहीं है कि हार्ट प्रॉब्लम्स मेन्स में ज्यादा देखने को मिलती है. बल्कि लेडीज में भी ये प्रॉब्लम ज्यादा नजर आने लगी हैं. भले ही दोनों में इसके सिंपटम्स अलग हो लेकिन, प्रॉब्लम सेम ही होती है. बल्कि लेडीज में तो वो प्रॉब्लम्स होती है जो मेन्स (mens) में देखने को शायद ही मिले. इस नजरिए से कोई नहीं सोचता. सबको ज्यादातर यही लगता है कि हार्ट प्रॉबलम्स मेन्स (mens) में ही होती है. लेकिन, अगर आपको ये पता चल जाए कि कौन-से सिंप्टम्स के कारण आगे चलकर परेशानी बढ़ सकती है. तो आप पहले से ही सावधान रहेंगे. तो चलिए आपको बता देते हैं कि दिल से जुड़ी वो कौन-सी प्रॉब्लम्स है जिनका लेडीज को खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए.
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इस प्रॉब्लम के लिए सबसे बड़ा कारण है स्ट्रेस. स्ट्रेस दिल से जुड़ी प्रॉब्लम्स को कई गुना बढ़ावा देता है. स्ट्रेस बॉडी को बिल्कुल भी एक्टिव नहीं रहना देता. इसका नतीजा ये देखने को मिलता है कि लेडीज अपनी हेल्थ पर ध्यान नहीं दे पाती. यही स्ट्रेस दिल के लिए बेहद नुकसानदायक साबित होने लगता है. ऐसी कंडीशन में लोग डॉक्टर के पास तो जाते ही हैं. लेकिन, ऐसे में थेरेपिस्ट की मदद भी ली जा सकती हैं.
इसकी एक प्रॉब्लम सूजन भी है. यदि आपको रुमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) है, तो आपको दिल से जुड़ी प्रॉब्लम्स होने की संभावनाएं बनी रहती हैं. इसके लिए बेहद जरूरी है कि जितना हो सके योगा करें. दवाओं के साथ बॉडी में आ रही सूजन को भी कंट्रोल में रखना चाहिए. लेकिन, स्टेरॉयड (steroid) से दूर रहने की कोशिश करें. ये आपकी दिल की बीमारी को बढ़ा सकता है. दिल की सेफ्टी के लिए अच्छा है कि डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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वहीं हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम में सांस लेने में भी काफी दिक्कत होती है. जब भी आपको ये लगे कि आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है तो ऐसे में डॉक्टर से जरूर एडवाइस लें. ऐसे तो हार्ट प्रॉब्लम मेन्स (mens) में ज्यादा देखी जाती है. लेकिन, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की प्रॉब्लम सबसे ज्यादा लेडीज (ladies) में देखने को मिलती है. ऐसा होने का कारण फीलिंग्स और इमोशन्स हो सकते हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जब स्ट्रेस हार्मोन (stress hormone) बहुत ज्यादा रीलिज होने लगता है. ऐसी कंडीशन में जल्द से जल्द इसका इलाज कराना चाहिए.
Source : News Nation Bureau