हिंदुस्तान में चाय सबसे ज्यादा चाहने वाली और पसंद की जाने वाली चीज़ है. थकान हो या स्ट्रेस चाय हमेशा तनाव को दूर और इंसान को लाइट फील करवाती है. भारत में लोगों की सुबह की शुरुआत चाय के साथ और शाम खत्म भी चाय पर ही होती है. चाय और भारतीयों का रिश्ता बहुत ही पुराना है.वहीं अगर काम करते-करते नींद आने लग जाए तो एक कप चाय आपको देर रात तक बैठकर काम करने की हौसला भी देती है. भारत की हर गली, हर नुकक्ड़ पर आपको चाय की दुकानें, ठेले, चौपाटी देखने को मिल जाएंगी. यही नहीं भारत में दोस्ती भी चाय पीते पीते बन जाती है. भारत में चाय की कई तरह की वैराइटी मौजूद हैं. अगर आप भी चाय के प्रेमी है तो भारत के हर कोने में जाकर चाय एक ज़रूर चखें. आज आपको बाटते हैं की भारत में काउ सी जगहों पर जाकर आप चाय का असली स्वाद चख सकते हैं.
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असम की लाल चा
असम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल से लेकर पूरे उत्तर-पूर्व भारत में, आपको लाल चा पीने को मिलेगी. ये एक सिंपल ब्लैक टी है जिसे बिना दूध के तैयार किया जाता है. इसमें चीनी भी बहुत ही कम मात्रा में डाली जाती है. चाय का रंग रेडिश ब्राऊन कलर का होता है और यही वजह है कि इसका नाम लाल चा रखा गया है. अगर आप कभी असम या फिर उत्तर-पूर्व भारत घूमने जाएं तो लाल चा का स्वाद जरूर चखें. यह हेल्थ के लिए भी काफी अच्छी होती है.
दिल्ली की मुगलई चाय
भारत में लंबे समय तक मुगल शासकों का राज रहा है, जो चाय पीते थे उस चाय का अलग ही स्वाद है. मुगलई चाय को अलग अंदाज में पकाया और परोसा जाता है, जिसकी वजह से उसका स्वाद सामान्य चाय के मुकाबले काफी अलग होता है. अगर आप मुगलई चाय पीना चाहते हैं, तो दिल्ली के जामा मस्जिद की तंग गलियों में मौजूद मोहम्मद आलम मुगलई चाय स्टॉल पर पहुंचें. यहां पर पिछले 50 सालों से मुगलई चाय बनाई और सर्व की जा रही है.
नाथद्वारा की फुदीना चाय
राजस्थान में नाथद्वार श्रीनाथजी की हवेली मौजूद है. जब भी आप श्रीनाथजी मंदिर की ओर जाएंगे तो आपको ठेलों पर पुदीने के गुच्छे देखने को मिलेंगे. इस पुदीने के पत्ते बड़े होते हैं और इन्हें यहां पुदीना के बजाए फुदीना कहा जाता है. इस चाय को यहां कुल्हड़ों में परोसा जाता है. चाय में मौजूद पुदीने का तीखा स्वाद इंसान की नींद खोल देता है. ये चाय मन को दिमाग को भी शांत करती है.
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कांगड़ा चाय
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में बनने वाली कांगड़ा चाय का स्वाद और खुशबू बहुत ही अलग होती है. इसे खासतौर से कांगड़ा के बागानों में ही उगाया जाता है. यही वजह है कि इस चायपत्ती को कांगड़ा चाय कहा जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होती है. कांगड़ा चाय का रंग आमतौर पर हल्के लाल रंग का होता है, जिसमें बहुत अच्छी खुशबू आती है.
कश्मीर की गुलाबी चाय
भारत में बनने वाली चाय का रंग आमतौर पर सुनहरा या गहरा होता है, लेकिन कश्मीर में गुलाबी चाय होती है. इस चाय को नून चाय के नाम से भी जाना जाता है, जिसका स्वाद मीठा न होकर नमकीन होता है. गुलाबी चाय मुख्य रूप से कश्मीर में बनाई और परोसी जाती है, जिसे तैयार करने में काफी लंबा समय लगता है. गुलाबी चाय बनाने के लिए चायपत्ती, इलायची और अदरक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बिना दूध के पानी के साथ उबाला जाता है और फिर उसमें थोड़ी-सी मात्रा में बेकिंग सोडा मिला दिया जाता है. बेकिंग सोडा की वजह से गुलाबी चाय का स्वाद मीठा न होकर नमकीन हो जाता है, जिसे बाद में गर्म दूध और चीनी में मिलाकर कांच की गिलास में परोस दिया जाता है. इसके बाद चाय के ऊपर पिस्ता डालकर उसे सर्व किया जाता है, जो सर्दियों में शरीर को गर्माहट देती है.
तमिलनाडु की मीटर चाय
तमिलनाडु कॉफी के लिए काफी मशहूर है लेकिन यहां की मीटर चाय भी काफी फेमस है. मीटर चाय को कॉफी के स्टाइल में ही बनाया जाता है. इस चाय को बनाने के लिए कई सामग्रियों को इसमें मिलाया जाता है, जिसमें कई तरह के मसाले मौजूद होते हैं. यही कारण है कि इसे मीटर चाय कहा जाता है.
हैदराबाद की ईरानी चाय
हैदराबाद की शानदार ईरानी चाय एक फारसी चाय है, जिसका स्वाद अन्य चाय से बिल्कुल अलग है. हैदराबाद अपनी विशेष ईरानी चाय के साथ स्वादिष्ट केसर चाय परोसने के लिए भी फेमस है. हैदराबाद में ईरानी चाय काफी सालों से मशहूर है.