दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी की चौथी और पांचवीं लहर दस्तक दे चुकी है. कई देशों में फिर से लॉकडाउन लगाने की तैयारी की जा रही है. इससे बचाव के लिए अलग-अलग देश टीकाकरण पर भी जोर दे रही है, लेकिन फिर भी इस पर शत-प्रतिशत नियंत्रण अभी तक नहीं पाया गया है. टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन भी उन देशों पर नजर रख रही है जहां यह काम तेजी से नहीं चल रहा है. फिलहाल WHO के वैज्ञानिक भी इस महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए शोध में जुटी हुई है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक ने कहा है कि वह कोविड -19 टीकों की दूसरी पीढ़ी की प्रतीक्षा कर रही हैं, जिसमें नाक के स्प्रे और ओरल शॉट्स को शामिल किए जा सकते हैं.
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सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि इस तरह के टीकों का मौजूदा समय में लाभ हो सकता है क्योंकि वे इंजेक्शन की तुलना में अधिकांश लोगों तक पहुंचाना आसान होगा. यहां तक कि इसे खुद भी लिया जा सकता है यानी इस स्प्रे और ओरल शॉट्स को लेने के लिए किसी भी स्वास्थ्यकर्मी की जरूरत नहीं होगी.
स्वामीनाथन ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद लोगों के लिए 129 अलग-अलग टीके तैयार किए गए हैं जिन्हें लोगों पर परीक्षण किया जा रहा है. जबकि 194 टीके कतार में है जिस पर अभी काम किया जा रहा है और इसे लेकर अभी भी प्रयोगशालाओं में काम किया जा रहा है. स्वामीनाथन ने कहा, मुझे यकीन है कि उनमें से कुछ बहुत सुरक्षित और प्रभावकारी साबित होंगे. दूसरी पीढ़ी के लिए इन टीकों में से कुछ के फायदे हो सकते हैं. वर्तमान में डब्ल्यूएचओ ने सिर्फ सात कोविड-19 टीकों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दी है. इनमें फाइजर/बायोएनटेक, मॉडर्न, एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन, सिनोफार्म, सिनोवैक और पिछले सप्ताह भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए कोवैक्सीन.
HIGHLIGHTS
- WHO दूसरी पीढ़ी के लिए तैयार कर रही यह टीके
- इस नए टीके को खुद ही इस्तेमाल किया जा सकता है
- टीके को लेकर अभी प्रयोगशालाओं में किया जा रहा काम