Advertisment

हर्बल धूप एयरवैद्य से कोरोना का इलाज और बचाव, BHU की स्टडी का बड़ा दावा

रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ. रेड्डी के मुताबिक इस स्टडी के तीन प्रमुख नतीजे निकलते हैं. एक एयरवैद्य धूप से कोविड संक्रमण या अन्य किसी वायरल संक्रमण का खतरा बेहद कम हो जाता है. दूसरा इससे कोरोनावायरस का प्रसार कम होता है.

author-image
Keshav Kumar
New Update
coronavirus

कोरोनावायरस का इलाज और बचाव को लेकर बीएचयू का बड़ा दावा( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

कोरोना के नए और बेहद संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे के बीच बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के रिसर्चर्स ने इलाज के क्षेत्र में नई औषधि का दावा किया है. उनका कहना है कि 19 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल धूप एयरवैद्य कोरोनावायरस को काबू करने और संक्रमण रोकने में कारगर पाई गई है. इसके धुंए से कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है. साथ ही होम आइसोलेशन के कोरोना मरीज से परिवार के दूसरे सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा भी कम हो जाता है. रिसर्च में कहा गया है कि एयरवैद्य धूप के इस्तेमाल से कोरोनावायरस का संक्रमण मरीज के गले से फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाता है.

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बीएचयू के रस शास्त्र विभाग के डॉ. केआरसी रेड्डी के नेतृत्व में एमिल फार्मास्युटिकल की मदद से यह रिसर्च किया गया है. ICMR की क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री (CTRI) से पंजीकरण मिलने के बाद इस 19 जड़ी-बूटियों से निर्मित एयरवैद्य हर्बल धूप (AVHD) के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल पूरे किए गए हैं. दो समूहों पर रिसर्च को पूरा किया गया है.

कोरोना के इन लक्षणों की हुई निगरानी

रिपोर्ट्स के मुताबिक रिसर्च से जुड़े पहले समूह में 100 और दूसरे समूह में 150 वयस्क शामिल किए गए. पहले समूह को एयरवैद्य धूप का धुंआ नहीं दिया गया. वहीं दूसरे समूह को सुबह-शाम दस-दस मिनट तक एयरवैद्य का धुआं सुंघाया गया. एक महीने के बाद पहले समूह में 37 फीसदी लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखे. जबकि दूसरे समूह में सिर्फ छह लोगों यानी चार प्रतिशत में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण पाए गए. इन लक्षणों में जैसे बुखार, खांसी, सर्दी, स्वाद नहीं आना, गंध महसूस नहीं होना वगैरह शामिल किया गया था. एयरवैद्य के धुएं से होने वाले संभावित नुकसान के आकलन के लिए ड्रोसेफिला मक्खियों पर भी अध्ययन किया गया. रिसर्च में पाया गया है कि यह दुष्प्रभावों से पूरी तरह सुरक्षित है.

एयरवैद्य के इस्तेमाल से होनेवाले तीन बड़े फायदे

रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ. रेड्डी के मुताबिक इस स्टडी के तीन प्रमुख नतीजे निकलते हैं. एक एयरवैद्य धूप से कोविड संक्रमण या अन्य किसी वायरल संक्रमण का खतरा बेहद कम हो जाता है. दूसरा इससे कोरोनावायरस का प्रसार कम होता है. क्योंकि एयरवैद्य के इस्तेमाल से हवा में मौजूद कोरोना वायरस बेअसर हो जाता है. ऐसे में अगर घर में कोई कोरोना मरीज है तो परिवार के अन्य सदस्यों में इसके फैलने का खतरा शून्य हो जाता है. तीसरा फायदा यह है कि एयरवैद्य धूप शरीर में प्रवेश करने वाले कोरोना वायरस को गले से फेफड़ों तक पहुचने से भी रोकता है.

ये भी पढ़ें - Corona से बचाने में ये घरेलू नुस्खे हैं बड़े असरदार, नहीं पड़ने देंगे आपको बीमार

एयरवैद्य में शामिल औषधि और उसके प्रभाव

रिसर्च में शामिल एमिल फार्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि एयरवैद्य धूप को लंबे अनुसंधान के बाद 19 बूटियों के अंशों से तैयार किया गया है. इनमें राल, नीम, वासा, अजवाइन, हल्दी, लेमनग्रास, वच, तुलसी, पीली सरसों, चंदन, उसीर, गुग्गल शुद्ध, नागरमोठा, मेंहदी, नागर, लोबन धूप, कपूर और जिगट शामिल हैं. एयरवैद्य धूप में कुल चार किस्म के औषधीय गुण पाए गए हैं. ये सभी कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी तरह असर करते हैं. एयरवैद्य के प्रभाव में वायरस, सूजन और सूक्ष्मजीव रोकने के साथ ही शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने का गुण पाया गया है.

HIGHLIGHTS

  • एयरवैद्य में वायरस, सूजन और सूक्ष्मजीव रोकने के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने का गुण 
  • रिसर्च से जुड़े पहले समूह में 100 और दूसरे समूह में 150 वयस्क शामिल किए गए
  • IMS, BHU के रस शास्त्र विभाग के डॉ. केआरसी रेड्डी के नेतृत्व में रिसर्च किया गया
covid-19 coronavirus कोरोनावायरस कोविड-19 BHU icmr ayurveda आयुर्वेद omicron ओमीक्रॉन Pandemic बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय CTRI
Advertisment
Advertisment
Advertisment