अक्सर लोगों को पेट की जलन और गर्मी की प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है. कई बार पेट में गर्मी होने से इसका असर चेहरे पर भी साफ दिखाई देने लगता है. इससे चेहरे पर पिंपल्स निकलने लगते हैं. ऐसा तब होता है जब हम कुछ हैवी खाना खा लेते हैं जिस कारण वह पच नहीं पाता और पेट में एसिड बढ़ने लगता है. ऐसे में इससे बचने के लिए हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपकी ये प्रॉब्लम हमेशा के लिए छूमंतर हो जाएगी. लेकिन, उससे पहले हम आपको इसके कारण बता देते हैं ताकि आप आगे से सावधान रहें.
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जिसमें सबसे पहला कारण है ज्यादा मसालेदार खाना खाना. इंडियन्स को तीखा खाना बेहद पसंद होता है. लेकिन, वो खा तो लेते है पर इसका नुकसान बाद में भुगतना पड़ता है. वहीं दूसरे नंबर पर भारी मात्रा में नॉनवेज खाना आता है. ज्यादा नॉनवेज खाने से पेट में जलन होने लगती है. जिसके कारण पेट दर्द शुरू हो जाता है. कई बार खाना खाने के बाद खाना सही तरह से नहीं पचता, तो इससे पेट में जलन का अहसास होने लगता है. इनडाइजेशन के कारण भी इंसान को पेट में सूजन, गैस, पेट ज्यादा भरा हुआ लगना, जी मचलाना व पेट में जलन का अहसास होता है. कई बार बहुत अधिक मसालेदार या तला हुआ खाना खाने से भी इनडाइजेशन की प्रॉब्लम हो जाती है. जब व्यक्ति द्वारा किया गया खाना देर तक पेट में रहता है तो पेट में एसिड बनने लगता है और तेज जलन का अहसास होता है.
ये तो हो गए कारण अब इनसे बचने के तरीके भी बता देते हैं. जिसमें सबसे पहले सौंफ काम करती है. सौंफ की तासीर काफी ठंडी होती है जो पेट को ठंडक पहुंचाती है. खाने के बाद इसको खाने से पेट की जलन, गैस, गर्मी वगैराह शांत हो जाती है. साथ ही ठंडक का एहसास भी होता है.
वहीं इलायची की तासीर भी बेहद ठंडी होती है. इसको खाने से पेट की गर्मी, जलन एसिडिटी दूर होने लगती है. इलायची खाने से पेट में ज्यादा एसिड बनने से बचाव रहता है.
वहीं इस लिस्ट में पुदीना भी शामिल है. पेट की गर्मी, जलन और ज्यादा एसिड को रोकने के लिए पुदीना फायदेमंद होता है. यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी व औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसको खाने से डाइजेशन सिस्टम और इम्यूनिटी मजबूत होती हैं.
वहीं तुलसी के पत्ते खाने से पेट में पानी और लिक्विड सबस्टांसिंज बढ़ने में मदद मिलती है. यह तेज मसाले व मिर्ची वाले खाने को डाइजेस्ट कराने में मदद करती है. ऐसे में पेट में ज्यादा एसिड बनने से बचाव रहता है.
Source : News Nation Bureau