लीवर संबंधी बीमारियों का इलाज करने के लिए संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीआईएमएस) में हिपेटोलॉजी विभाग शुरू किया गया है. यह उत्तर प्रदेश का पहला हिपेटोलॉजी विभाग है. विभाग की शुरुआत को लेकर जारी की गई आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, यह उत्तर प्रदेश में अपनी तरह का पहला विभाग है और यह जल्द ही यहां लीवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम शुरू करने की योजना है. एसजीपीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आर.के. धीमान ने कहा, इस विभाग की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश की लगभग 10 प्रतिशत आबादी लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित है.
वहीं वर्चुअल तौर पर बातचीत में शामिल हुए इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज के निदेशक सरीन ने कहा, "हेपेटाइटिस बी और सी, शराब और फैटी लीवर के कारण उत्तर प्रदेश में लीवर की बीमारियों के मरीज बहुत ज्यादा हैं. फैटी लिवर के कारण डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, पित्ताशय में पथरी और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है." उन्होंने यह भी कहा कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हिपेटोलॉजी विभागों के सामूहिक प्रयासों से लीवर की बीमारियों के उपचार और इन बीमारियों की रोकथाम के लिए एक व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा.
वहीं अगर बात करें कोरोना संकट की तो देश में पहले की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण कम तो जरूर हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है. वहीं महाराष्ट्र में कोरोना के मामले अभी भी बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. अब राज्य सरकार ने इससे निपटने की तैयारी तेज कर दी है. पहले तो इस बात के भी कयास लगाए जा रहे थे कि महाराष्ट्र में एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है लेकिन अब राज्य सरकार ने तय किया है कि फिलहाल अभी वो लॉकडाउन नहीं लगायेगी.
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि महामारी के संक्रमण को रोकने का उपाय जरूर किया जाएगा. महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अभी ऐसी स्थिति नहीं बनी है कि पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए. हालांकि सरकार ने ऐसे कुछ जिलों की पहचान की है जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं और इन जिलों में ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
Source : News Nation Bureau