अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 65 से अधिक और उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए फाइजर कोविड बूस्टर डोज को मंजूरी दी है. हालांकि 16 साल से अधिक के सभी लोगों को कोरोना की फाइजर वैक्सीन की बूस्टर डोज देने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया. अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी के बीच हाल ही में एक्सपर्ट ने कोरोना से एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन के लिए बूस्टर डोज देने की सिफारिश की थी. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, जल्द ही सभी अमेरिकियों के लिए बूस्टर डोज उपलब्ध होगी.
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दूसरी डोज के 8 महीने बाद बूस्टर डोज की थी सिफारिश
हाल ही में अमेरिकी विशेषज्ञों ने वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के 8 महीने बाद हर उम्र के लोगों को बूस्टर डोज देने की सिफाऱिश की थी. लेकिन एफडीए के पैनल ने इसके विपरीत फैसला किया. एफडीए से अगले कुछ दिनों में बूस्टर पर निर्णय लेने की उम्मीद है, लेकिन आमतौर पर एफडीए समिति की सिफारिशों का ही पालन करता है.
बूस्टर डोज वैज्ञानिक चर्चा के केंद्र में नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
कई विकसित देशों ने कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर डोज देने का निर्णय लिया है. इसके बाद सवाल सामने आने लगा है कि भारत में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज कब दी जाएगी. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है और कहा है कि प्राथमिकता दो खुराक का पूर्ण टीकाकरण का है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत की प्राथमिकता सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज देने की है और यह जारी रहेगा. सरकार का लक्ष्य साल के अंत तक सभी का वैक्सीनेशन करना है. बूस्टर डोज इस समय वैज्ञानिक चर्चा में केंद्रीय विषय नहीं है.
HIGHLIGHTS
- 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जाएगी
- दूसरी डोज के 8 महीने बाद बूस्टर डोज लगेगी
- 16 साल से अधिक उम्र को देने का प्रस्ताव खारिज