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Omicron पर डबल डोज का भी असर नहीं, 10 में से 9 लोग हुए संक्रमित

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा जारी किए गए विश्लेषण से पता चला है कि 27 प्रतिशत मामलों में विदेश यात्रा का कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया. इससे यह भी पता चलता है कि 87 व्यक्तियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया था.

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Vijay Shankar
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Vaccination not enough

Vaccination not enough( Photo Credit : File Photo)

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केंद्र ने भारत में 183 ओमीक्रॉन मामलों का विश्लेषण किया है. इससे पता चला है कि कोविड-19 के अत्यधिक ट्रांसमिसिबल ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने वाले 10 व्यक्तियों में से कम से कम नौ को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. शुक्रवार को विश्लेषण के परिणामों को साझा करते हुए केंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि केवल वैक्सीन महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है और याद दिलाया कि इस ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ने के लिए मास्क का उपयोग और बीमारी की निगरानी करना सबसे महत्वपूर्ण है.

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा जारी किए गए विश्लेषण से पता चला है कि 27 प्रतिशत मामलों में विदेश यात्रा का कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया. इससे यह भी पता चलता है कि 87 व्यक्तियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया था (91 प्रतिशत) जिनमें से तीन को बूस्टर डोज भी दिए गए थे और 183 व्यक्तियों में से केवल सात का टीकाकरण नहीं हुआ था जबकि दो को आंशिक रूप से टीका लगाया गया था. केंद्र ने यह भी बताया कि विश्लेषण करने वालों में से 73 के टीकाकरण की स्थिति ज्ञात नहीं थी और 16 टीकाकरण के लिए योग्य नहीं थे.

घरों में ट्रांसमिशन का अधिक जोखिम

भारत के कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख, डॉ. वी के पॉल ने चेतावनी दी कि डेल्टा की तुलना में ओमीक्रॉन के घरों में ट्रांसमिशन का अधिक जोखिम है. “यह स्पष्ट है कि यह घरों में फैल रहा है क्योंकि डेल्टा की तुलना में ओमीक्रॉन अत्यधिक ट्रांसमिसिबल (तेजी से फैलनेवाला) है. पॉल ने कहा, वह हर व्यक्ति जो बाहर से संक्रमण लाता है, क्योंकि उसने बाहर मास्क नहीं पहना है, वह घर में दूसरों को संक्रमित करेगा. यह जोखिम ओमीक्रॉन में अधिक होता है. हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए.

महामारी से बचने के लिए जरूरी नियमों का करें पालन

पॉल ने कहा, मैं देखभाल करने की आवश्यकता पर जोर देना चाहता हूं. आने वाले दिनों में त्योहार और नया साल है और इस अवधि के दौरान नया वेरिएंट सामने आया है. इसलिए जिम्मेदार व्यवहार अपनाने की जरूरत है जैसे कि मास्क पहनना, हाथ को साफ रखना और भीड़-भाड़ जैसी जगहों से दूर रहना औऱ अनावश्यक यात्रा से बचना. लगातार चौकसी बरतने की जरूरत है. महामारी को नियंत्रित करने के लिए रोकथाम और निगरानी रणनीतियां प्रमुख दृष्टिकोणों में से एक हैं. हमारे पास टीकाकरण है, लेकिन महामारी को रोकने के लिए सिर्फ इतना ही काफी नहीं है. पॉल ने कहा कि डॉयग्नोस्टिक लक्षणों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 70 प्रतिशत रोगी लक्षणहीन हैं. “भारत में प्रमुख स्ट्रेन अभी भी डेल्टा है, जिसमें हाल ही में पहचाने गए क्लस्टर भी शामिल हैं. इसलिए, हमें उसी रणनीति के साथ जारी रखने की आवश्यकता है. फिलहाल हमें टीकाकरण में तेजी लाना ही प्रमुख उद्देश्य है. 

HIGHLIGHTS

  • भारत में 183 ओमीक्रॉन संक्रमित मरीजों का विश्लेषण किया गया
  • केंद्र ने कहा-महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है वैक्सिन
  • ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ने के लिए मास्क का उपयोग और निगरानी जरूरी
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