diabetes during pregnancy : मधुमेह को मधुमेह और शुगर भी कहा जाता है, यह बीमारी अनुवांशिक होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है, मधुमेह के रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, प्रेग्नेंसी में डायबटीज का खतरा और ज्यादा बढ़ सकता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है और इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में बदलाव हो सकता है। इससे इंसुलिन का सही रूप से उत्पन्न नहीं हो सकता और इसे "इंसुलिन रेजिस्टेंस" कहा जाता है, जिससे ब्लड शुगर स्तर बढ़ सकता है।
यहां प्रेग्नेंसी में डायबटीज से बचाव के लिए कुछ सुझाव हैं:
स्वस्थ आहार: स्वस्थ और नियमित आहार बनाए रखें, जिसमें पूरे अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन, और दूध शामिल हों। केवल सुगर और प्रोसेस्ड फूड्स की मात्रा को कम करें।
व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। योग और सुरक्षित व्यायाम जैसे कार्डियोवास्कुलर एक्सरसाइज बचाव में मदद कर सकते हैं।
वजन की निगरानी: स्वस्थ वजन की निगरानी रखना भी डायबटीज के खतरे को कम कर सकता है। अगर आप पहले से ही वजन ज्यादा हैं, तो डॉक्टर से सही सलाह प्राप्त करें।
नियमित चेकअप: प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित चेकअप रखें और डॉक्टर की सुझावनुसार ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं।
डाइबटीज टेस्ट: गर्भावस्था के प्रारंभ में और उसके बाद डाइबटीज की जाँच करवाएं, विशेषकर यदि आपको पहले से ही डायबटीज का खतरा है।
डाइबटीज शिक्षा: डाइबटीज के बारे में अच्छी तरह से शिक्षा प्राप्त करें और अपने आहार और व्यायाम को इसके नियमों के अनुसार समर्थन करें।
इंसुलिन और दवाएं: डॉक्टर के साथ मिलकर इंसुलिन या अन्य डाइबटीज दवाएं सही मात्रा में लें, यदि आवश्यक हो।
स्ट्रेस से बचें: स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग, और अन्य राहें अपनाएं। स्वस्थ मानसिक स्थिति भी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
गर्भावस्था में डायबटीज का खतरा होने पर यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर की सुझावनुसार चेकअप और जरूरी जाँचों के लिए नियमित रूप से जाए
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