कोलेस्ट्रोल, वसा और शर्करा की ज्यादा मात्रा वाला पाश्चात्य आहार न्यूडीजनरेटिव रोग से जुड़े एपोई4 जीन वाले लोगों में अल्जाइमर के विकास पर असर डाल सकता है। एपोई4 और एपोई3 जीन के दो प्रकार प्रोटीन और एपोलिपोप्रोटीन के कोड हैं, जो वसा और कोलेस्ट्रॉल को बांधते हैं।
शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि जब एपोई4 जीन वाले चूहों को पश्चिमी आहार से प्रेरित भोजन दिया गया तो इनमें बीटा एम्लॉइड प्रोटीन प्लेक की वृद्धि देखी गई, जो उनके दिमाग में सूजन का संकेत देती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर व इस अध्ययन के मुख्य लेखक क्रिस्चियन पाइक ने कहा, 'इस शोध से प्राप्त निष्कर्ष बताते हैं कि यह जोखिम हर किसी को समान रूप से प्रभावित नहीं करता है, लेकिन अधिक जोखिम कारकों में यह अपना प्रभाव डाल सकता है।'
और पढ़ें: अलग- अलग रोगों के लिए फायदेमंद है ये योग के आसन
पाइक ने कहा, 'आपके साथ क्या होता है इसमें आपके जीन्स की बहुत बड़ी भूमिका होती है। लेकिन इसमें आपके वातावरण और परिवर्तनीय जीवनशैली की भी भूमिका होती है। आप कितना व्यायाम करते हैं और क्या खाते हैं, यह सब भी महत्वपूर्ण है।'
जाने क्या है अल्जाइमर ?
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें याददाश्त कमजोर होने के साथ सोचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती है। अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को आने वाले समय में साधारण जिंदगी जीने में मुश्किल होती है।
यह एक तरह से लाइलाज बीमारी होती है। भारत में 50 लाख से भी ज़्यादा लोग मानसिक बीमारी का सामना कर रहे हैं, जिसमें से 80 प्रतिशत लोगों को अल्जाइमर है।
डॉक्टरों का कहना है कि 2030 में यह संख्या दोगुनी हो सकती है। अल्जाइमर रोग होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन हाई ब्लड प्रेशर होना, डायबिटीज होना और लाइफस्टाइल खराब होना भी इसकी एक बड़ी वजह है।
(चैंपियंस ट्रॉफी की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
Source : IANS