लकवा, जिसे पैरालिसिस भी कहा जाता है, शरीर के एक या अधिक भागों में गति और संवेदना का नुकसान होता है। यह मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या नसों को नुकसान पहुंचने के कारण हो सकता है। लकवा, एक गंभीर मेडिकल स्थिति है जो किसी व्यक्ति के दिल की रक्त परिसंचरण में बाधा होने के कारण होता है। यह एक जरूरत के रूप में देखा जाने वाला मेडिकल आपातकालीन हालत है, जिसमें तत्काल प्रयुक्तता की जरूरत होती है।
लकवा के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जैसे कि पक्षाघात, अनियमित बोलने या समझने की क्षमता, और बाहरी दुनिया के साथ संवाद में कमी। लकवा का प्रमुख कारण रक्त परिसंचरण में बाधा होना है, जो कई कारणों के कारण हो सकता है, जैसे कि रक्त क्लॉट, रक्तवाहिनी में रुकावट, या उच्च रक्तचाप। विटामिन डी की कमी भी लकवा के एक प्रमुख कारण हो सकती है।
विटामिन डी की कमी के कारण बोन्स कमजोर होते हैं और उसके साथ ही लकवा जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। लकवा का उपचार तत्काल चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होती है। उपचार में दवाइयाँ, रक्त परिसंचरण को सुधारने के लिए दवाइयाँ, थैरेपी, फिजियोथेरेपी, और कई बार शल्य चिकित्सा भी शामिल होती है। साथ ही, डॉक्टर विटामिन डी के सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं, यदि विटामिन डी की कमी का कारण है। यदि लकवा का उपचार समय रहते नहीं किया गया हो तो इससे गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं जैसे कि शारीरिक अक्षमता या मौत।
लकवा के कई प्रकार होते हैं -
मोनोप्लेजिया: शरीर का एक अंग प्रभावित होता है.
हेमिप्लेजिया: शरीर का एक तरफ प्रभावित होता है.
पैराप्लेजिया: शरीर के दोनों पैर प्रभावित होते हैं.
टेट्राप्लेजिया: शरीर के सभी चार अंग प्रभावित होते हैं।
लकवा किस विटामिन की कमी से होता है?
विटामिन की कमी से भी लकवा हो सकता है, खासकर विटामिन डी की कमी। विटामिन डी की कमी के कारण बोन्स कमजोर होते हैं और उसके साथ ही लकवा जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसके अलावा कुछ दूसरे कारण भी हैं
स्ट्रोक: यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में रुकावट के कारण होता है.
चोट: यह मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या नसों को चोट लगने के कारण हो सकता है.
संक्रमण: यह मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में संक्रमण के कारण हो सकता है.
ट्यूमर: यह मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर के कारण हो सकता है.
विटामिन B12 की कमी: यह तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे लकवा हो सकता है.
लकवा का इलाज क्या है?
लकवा का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। स्ट्रोक के मामले में, रक्त के प्रवाह को बहाल करने के लिए दवाएं या सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है। चोट या संक्रमण के मामले में, एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाएं दी जा सकती हैं। ट्यूमर के मामले में, सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।
लकवा के इलाज में फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक चिकित्सा और भाषण चिकित्सा भी शामिल हो सकती है। ये उपचार रोगी को अपनी गति, संतुलन और समन्वय को पुनः प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
लकवा से बचाव कैसे करें?
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: स्वस्थ भोजन खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें और धूम्रपान न करें।
रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करें: उच्च रक्तचाप और मधुमेह स्ट्रोक के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं।
नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं: यह आपको स्वास्थ्य समस्याओं का जल्दी पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद कर सकता है।
Source : News Nation Bureau