Cyber Sickness Diceseas: टेक्नोलॉजी के इस युग में हर काम ऑनलाइन हो रहा है. फिर चाहे वो रुपयों का लेन-देन हो, पढ़ाई हो या फिर मनोरंजन. देश दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर हम इनमें से कोई भी काम आसानी से कर सकते हैं. बल्कि ये कहना भी गलत नहीं होगा कि, हमारे दिन का ज्यादातर वक्त तो इन्हीं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में ही बीतता है. जैसे टीवी, लैपटॉप, कम्प्यूटर या फिर मोबाइल. ये सभी हमारे लिए हेल्पफुल तो हैं लेकिन साथ-साथ में हमारी सेहत पर भी काफी असर डाल रहे हैं. ये असर अच्छा नहीं बल्कि बुरा है. दरअसल लगातार इलेक्ट्रिनक गैजेट्स के इस्तेमाल के चलते कई लोग साइबर सिकनेस डिसीज के शिकार हो रहे हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्या बीमारी है और इसके लक्षण क्या है? तो घबराइए नहीं हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि इस बीमारी से जुड़ी हर जरूरी बात. इसके साथ ही इससे बचाव के तरीके भी.
क्या है साइबर सिकनेस डिसीज?
साइबर सिकनेस की परेशानी उन लोगों में ज्यादा पाई जाती है जो आमतौर पर ज्यादा से ज्यादा वक्त टीवी, लैपटॉप या मोबाइल पर बिताते हैं. यही वजह है कि, ऐसे लोगों को आंखों पर सीधा असर पड़ने लगता है. पलकों पर दबाव बनना, आंखों में सूजन दिखाई देना या फिर सिर दर्द जैसे आम समस्या धीरे-धीरे एक बड़ा रूप ले लेती है. खास बात यह है कि, ये समस्या किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है.
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ये है साइबर सिकनेस के लक्षण
साइबर सिकनेस के लक्षणों की बात करें तो इसमें सामान्य रूप से लोगों को सिर दर्द, आंखों में जलन, चक्कर आना, या जी मचलाना प्रमुख रूप से शामिल है. कुछ मामलों में उल्टी या फिर बदन दर्द की शिकायत भी हो सकती है. अगर आप चिढ़चिढ़े होते जा रहे हैं, या नींद आने में परेशानी हो रही है तो हो सकता है कि आप भी साइबर सिकनेस के शिकार हो चुके हैं. दरअसल ये लक्षण इतने आम हैं कि लोग इसे ज्यादा गंभीर नहीं लेते. लेकिन समय के साथ ये परेशानी एक गंभीर समस्या बन जाती है.
ये है साइबर सिकनेस का इलाज
साइबर सिकनेस डिसीज पूरी तरह क्यूरेबल है. यानी आप इसको लेकर जितना जल्दी अलर्ट हो जाएंगे आप इससे उबर जाएंगे. इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ चीजों को अपनी दैनिक जीवनशैली में शामिल कर लें. जैसे रोजाना आंखों को आराम दें. इसके लिए कुछ व्यायामों को जरूर फॉलो करें. ये तरीके आप चिकित्सक से सलाह लेकर भी जान सकते हैं.
इसके अलावा अपना स्क्रीन टाइम कम करना होगा. आप दिन में जितने भी घंटे स्क्रीन पर बिता रहे हैं उसमें कम से कम 30 फीसदी की कमी लाएं. अगर आप काम करते हैं तो तकरीबन 7 से 8 घंटे आपके स्क्रीन पर जाते होंगे. इसके अलावा टीवी और मोबाइल मिलाकर दिन के 10 घंटे भी हो सकते हैं. ऐसे में आपको चाहिए कि आप तुरंत इसे कुल 7 घंटे पर ले आएं. धीरे-धीरे कोशिश करें इसमें और कटौती हो सकती है तो करें.
इसमें इस बात जरूर ध्यान रखें कि रात को सोते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें. खास तौर लेटकर मोबाइल बिल्कुल ना देखें. इससे आपकी गर्दन के साथ-साथ पीठ और कम पर भी बुरा असर पड़ता है. अपने डिस्प्ले पर फॉन्ट बड़ा रखें, इससे आंखों पर पड़ने वाला जोर काफी कम होगा और आपको इससे फायदा मिलेगा.
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HIGHLIGHTS
- स्क्रीन पर बिता रहे हैं ज्यादा समय
- लैपटॉप, मोबाइल या टीवी पर बीत रहे कई घंटे
- आप भी हो सकते हैं साइबर सिकनेस के शिकार