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Passive Smoking: क्या है पैसिव स्मोकिंग, जानें कैसे ये धीरे-धीरे फेफड़ों को प्रभावित करता है ?

Passive Smoking: पैसिव स्मोकिंग एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है. यह फेफड़ों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है. धूम्रपान न करने वालों को धूम्रपान से बचने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए.

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Inna Khosla
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What is passive smoking

Passive Smoking( Photo Credit : News Nation)

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Passive Smoking: पैसिव स्मोकिंग, जिसे दूसरे शख्स की सिगरेट या हुक्के के धुआं को सांस लेने का प्रभाव होता है, एक संतुलित या नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव डाल सकता है. इसे "दूसरे हाथ में स्मोकिंग" भी कहा जाता है, जो कि स्मोकर नहीं होते हुए भी धुआं के संपर्क में आने का कारण बनता है. पैसिव स्मोकिंग से संबंधित धुआं का नकारात्मक प्रभाव हड्डियों, फेफड़ों, और अन्य शरीर के अंगों पर होता है, जिससे सांस लेने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित किया जा सकता है. जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तो वे सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायनों को न केवल अपने फेफड़ों में लेते हैं, बल्कि आसपास के लोगों के फेफड़ों में भी छोड़ते हैं. 

पैसिव स्मोकिंग फेफड़ों को धीरे-धीरे कैसे प्रभावित करता है:

1. सूजन: सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन फेफड़ों में सूजन पैदा करते हैं, जिससे वायुमार्ग में सूजन और जलन होती है.
2. क्षति: धुएं में मौजूद रसायन फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे वायुमार्ग में रुकावट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
3. संक्रमण: धुएं में मौजूद रसायन फेफड़ों को संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं.
4. कैंसर: धुएं में मौजूद रसायन फेफड़ों के कैंसर सहित कई तरह के कैंसर का कारण बन सकते हैं.

पैसिव स्मोकिंग से होने वाली बीमारियां:

1. अस्थमा: पैसिव स्मोकिंग बच्चों और वयस्कों दोनों में अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है और अस्थमा के हमलों का खतरा बढ़ा सकता है.
2. ब्रोंकाइटिस: पैसिव स्मोकिंग ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है, जो वायुमार्ग की सूजन है.
3. निमोनिया: पैसिव स्मोकिंग बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ा सकता है.
4. हृदय रोग: पैसिव स्मोकिंग हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है, जिसमें दिल का दौरा और स्ट्रोक शामिल हैं.
5. कैंसर: पैसिव स्मोकिंग फेफड़ों के कैंसर सहित कई तरह के कैंसर का कारण बन सकता है.

पैसिव स्मोकिंग से बचाव:

1. धूम्रपान न करें: सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद धूम्रपान न करें.
2. धूम्रपान करने वालों से दूर रहें: जब भी संभव हो, धूम्रपान करने वालों से दूर रहें.
3. धूम्रपान मुक्त वातावरण बनाएं: अपने घर और कार्यस्थल को धूम्रपान मुक्त बनाएं.
4. बच्चों को बचाएं: बच्चों को धूम्रपान से दूर रखें, खासकर घर पर और कार में.

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Source : News Nation Bureau

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