Dinner Timing In Ayurveda: आयुर्वेद में भोजन को स्वास्थ्य का आधार माना गया है. और खाने का समय उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि क्या खाना है. आयुर्वेद के अनुसार रात का खाना सही समय पर और सही मात्रा में खाना चाहिए. यह न केवल पाचन में सुधार करता है, बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है, अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है और स्वास्थ्य बनाए रखने में भी सहायक है. आइए जानते हैं खाने का सही समय और क्या और कब. कैसे खाएं
डिनर का समय:
आयुर्वेद के अनुसार, रात का खाना सूर्यास्त से 2-3 घंटे पहले खाना चाहिए.
इसका मतलब है कि अगर सूर्यास्त 7 बजे होता है, तो आपको 4-5 बजे के बीच डिनर कर लेना चाहिए.
रात 8 बजे से पहले डिनर खत्म करना सबसे अच्छा माना जाता है.
देर से डिनर करने से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे अपच, एसिडिटी, और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
डिनर के बाद:
डिनर के बाद कम से कम 2-3 घंटे तक सोना नहीं चाहिए.
यदि आप जल्दी सोते हैं, तो खाना पचने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा.
डिनर के बाद थोड़ी देर टहलना या हल्का व्यायाम करना पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है.
रात के खाने में क्या खाएं:
रात के खाने में हल्का और पौष्टिक भोजन खाना चाहिए.
भारी और तले-भुने भोजन से बचना चाहिए.
दाल, सब्जियां, सलाद, दही, और फल रात के खाने के लिए अच्छे विकल्प हैं.
रात के खाने में मांस, मछली, अंडे, और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए.
रात के खाने में क्या न खाएं:
देर रात खाना न खाएं.
सोने से पहले खाना न खाएं.
भारी और तले-भुने भोजन से बचें.
मांस, मछली, अंडे, और मसालेदार भोजन से बचें.
कैफीन और शराब से बचें.
डिनर टाइमिंग के फायदे:
पाचन क्रिया बेहतर होती है
वजन कम होता है
नींद अच्छी आती है
ऊर्जा का स्तर बढ़ता है
स्वास्थ्य बेहतर होता है
आयुर्वेद के अनुसार, रात का खाना सही समय पर और सही मात्रा में खाना चाहिए. इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है, वजन कम होता है, नींद अच्छी आती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, और स्वास्थ्य बेहतर होता है.
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है. यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श लें.
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Source : News Nation Bureau