Heat Wave: उत्तर भारत के कई राज्य भीषण गर्मी से बेहाल हैं. बिहार, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी चल रही है. वहीं, मौसम विभाग ने कहा कि आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ेगा. खासकर उत्तर प्रदेश में अगले चार दिनों में लू की स्थिति पैदा हो सकती है. ऐसे में आइए सरल भाषा में समझते हैं कि किस राज्य और जिलों में किस तापमान पर लू की घोषणा की जाती है. सामान्य भाषा में गर्म तापमान की स्थिति को लू कहा जाता है. एनडीएमए के अनुसार, यह असामान्य रूप से उच्च तापमान की अवधि है, जो आमतौर पर मार्च और जून के बीच होती है. ये गर्मी इंसानों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है. इतना अधिक तापमान शारीरिक तनाव का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है. इसी साल अप्रैल महीने में ओडिशा के बालासोर जिले में लू लगने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी.
लू है या नहीं, कैसे तय होता है?
हीट वेव की तकनीकी परिभाषा के संबंध में विभिन्न देशों में अलग-अलग मानक हैं. कुछ देशों में तापमान और आर्द्रता के ताप सूचकांक के आधार पर हीटवेव की घोषणा की जाती है. वहीं, कुछ देशों में पिछले साल की तुलना में अधिक तापमान के आधार पर हीट वेव की जानकारी दी जाती है. आइए समझें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) हीटवेव को कैसे परिभाषित करता है.
भारतीय मौसम विभाग लू का अलर्ट जारी करते समय मैदानी और पहाड़ी इलाकों के लिए अलग-अलग मानदंड अपनाता है. जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुंच जाता है, तो आईएमडी इसे हीटवेव कहता है. इसी तरह, हिल स्टेशनों पर तापमान 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक पहुंचने पर लू की घोषणा की जाती है.
आईएमडी के पास सरफेस ऑब्जरवेशन का एक बड़ा नेटवर्क है जो देश भर में विभिन्न मेट्रोलॉजिकल मापदंडों को मापने में सक्षम है.
लू से बचने के तरीके
गर्मी का मौसम अपने साथ तूफानी गर्मी भी लाता है, और लू इस गर्मी का सबसे खतरनाक पहलू है. तपती हवाएं और बढ़ता तापमान हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. लेकिन चिंता न करें! कुछ सरल उपायों को अपनाकर आप लू से बचाव कर सकते हैं और गर्मी के मौसम का आनंद ले सकते हैं. आइए जानते हैं कुछ आसान टिप्स
पानी पीते रहें
दिन भर में नियमित रूप से पानी पीते रहें, भले ही आपको प्यास न लगे. ठंडा पानी, छाछ, ORS घोल, या घर में बने पेय जैसे नींबू पानी, आम पना, या लस्सी का सेवन करें. तरल पदार्थों का सेवन शरीर को हाइड्रेटेड रखने और गर्मी से बचाने में मदद करता है.
धूप से बचें:
यथासंभव दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें. यदि आपको बाहर जाना ही पड़े, तो छाता, टोपी, और धूप का चश्मा पहनें. ढीले-ढाले और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें. घरों और कार्यस्थलों में पर्याप्त वेंटिलेशन रखें.
भोजन:
हल्का और पौष्टिक भोजन खाएं.
फल, सब्जियां, और दही का सेवन अधिक करें.
तले-भुने और मसालेदार भोजन से बचें.
विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं, जैसे केला, खरबूजा और नारियल पानी.
यह भी पढ़ें: Kundru Benefits: इन बीमारियों के लिए रामबाण है कुंदरू, जानिए इसे खाने का सही तरीका
Source : News Nation Bureau