विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को बताया कि वैश्विक स्तर पर कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा एक मिलियन पार कर चुका है. इस आंकड़े को दुखद मील का पत्थर करार देते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह स्थिति तब है जब मौत से बचाव के लिए जरूरी वैक्सीन से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. 2019 के अंत में चीन के वुहान में कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) का पहला मामला सामने आने के बाद 6.45 मिलियन मौत का आधिकारिक आंकड़ा डब्ल्यूएचओ के पास उपलब्ध हैं. हालांकि डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष डॉ ट्रेड्रॉस अधनोम घेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने अब यह आंकड़ा 10 लाख के पार बताया है. उन्होंने कहा, 'हम यह भी नहीं कह सकते हैं कि हमने कोरोना संक्रमण के साथ जीना सीख लिया है. खासकर इस आलोक में तो बिल्कुल भी नहीं जब कोरोना 10 लाख जिंदगियों को लील चुका है. इस कहर को झेलते हुए दुनिया को ढाई साल हो गए हैं और कोविड-19 से होने वाली मौतों से बचाने के लिए हर जरूरी संसाधन उपलब्ध है.'
66 देशों की 40 फीसदी से कम आबादी को कोरोना टीका लगा
डब्ल्यूएचओ अध्यक्ष चाहते थे कि सभी देश जून महीने के अंत तक अपनी 70 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन जरूर लगवा दें. 136 देश इस लक्ष्य को हासिल करने में नाकामयाब रहे. इनमें से भी 66 देशों की 40 फीसदी से कम आबादी को कोविड-19 टीका लगा है. डॉ ट्रेड्रॉस के मुताबिक यह देखना सुखद है कि अफ्रीका में कोरोना वैक्सीन की न्यूनतम दर वाले देश भी इस कड़ी में तेजी ला रहे हैं. अब दस देश ही ऐसे हैं, जहां 10 फीसदी से कम आबादी को कोरोना टीका लगा है. ये ऐसे देश हैं जो मानवीय आपातकाल सरीखे हालातों को झेल रहे हैं. फिर भी इस दिशा में अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. दुनिया की एक-तिहाई आबादी के टीकाकरण की अभी भी जरूरत है. उन्होंने कहा, हम सभी देशों का आह्वान करते हैं कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, वृद्ध जनों और उच्च जोखिम वाले अन्य लोगों के साथ-साथ 70 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द लगाएं.
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असल मानव त्रासदी
गावी वैक्सीन एलांयस के डैरिक सिम 2022 में 10 लाख लोगों की कोरोना से मौत बेहद दुखद है. हर एक मौत के पीछे वास्तविक मानव आपदा की कहानी निहित है. दुनिया प्रतिस्पर्धा में प्राथमिकताओं से निपटती है. ऐसे में कोरोना महामारी ने निजी स्तर पर, परिवार और समुदायों को गहरे तक प्रभावित किया है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के पास अब तक 593 मिलियन मामले आ चुके हैं. कई देशों में कोरोना परीक्षणों के मामलों में गिरावट देखी गई है और वहीं संक्रमण के आधे से ज्यादा मामले सामने आए. बीते एक महीने में कोरोना परीक्षणों में ओमीक्रॉन वेरिएंट सामने आया. इसमें भी ओमीक्रॉन का बीए.5 वेरिएंट वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमण के 74 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार माना गया.
HIGHLIGHTS
- 66 देशों की 40 फीसदी से कम आबादी को लगा कोरोना टीका
- जून के अंत तक 70 फीसदी आबादी के टीकाकरण का था लक्ष्य
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर टीकाकरण में तेजी लाने को कहा