विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को कहा कि 75 देशों और क्षेत्रों से 16,000 से अधिक मामलों के साथ मंकीपॉक्स (Monkeypox) अब एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है. WHO के डीजी डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि मंकीपॉक्स का जोखिम "विश्व स्तर पर और सभी क्षेत्रों में मध्यम है". डॉ टेड्रोस ने कहा, 'एक महीना पहले मैंने आपातकालीन समिति से इस बात का आकलन करने के लिए कहा था कि कई देशों में फैला मंकीपॉक्स प्रकोप हेल्थ इमरजेंसी है या नहीं.' उन्होंने कहा कि तब 47 देशों में 3040 मामले सामने आए थे. तब से मंकीपॉक्स संक्रमण में वृद्धि हुई है और अब 75 देशों में 16 हजार से अधिक मामलों और पांच मौतों की पुष्टि की जा चुकी है. प्रकोप को बढ़ता देख मैंने गुरुवार को समिति से नए डेटा को दोबारा देखने और उसके आधार पर मुझे सलाह देने के लिए कहा था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि 70 से अधिक देशों में फैलते हुए मंकीपॉक्स का प्रकोप एक असाधारण स्थिति में पहुंच गया है. इस स्थिति में आने के बाद इसे अब वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया गया है. WHO इस दुर्लभ बीमारी के इलाज में और निवेश को बढ़ावा दे सकती है और इसके लिए टीकों के प्रयास में जुटी हुई है.
WHO ने मामले में हो रहे इजाफे को देखते हुए आम लोगों से सतर्क रहने की भी अपील की है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहानॉम ने WHO की आपातकालीन समिति के सदस्यों के बीच आम सहमति की कमी के बावजूद घोषणा जारी करने का निर्णय लिया. यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने इस तरह की कार्रवाई की है.
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डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने शनिवार को कहा कि तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स का प्रकोप वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल को दर्शाता है. वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल विश्व स्वास्थ्य संगठन का उच्चतम स्तर का अलर्ट है. ट्रेडोस ने कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर अब अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है. इसके साथ ही वैक्सीन और इस इलाज साझा करने में सहयोग करने के लिए धन और वैश्विक प्रयासों की जरूरत है. अभी तक भारत में मंकीपॉक्स के तीन केस सामने आ चुके हैं और तीनों केरल से हैं. तीसरा केस जो सामने आया था वह शख्स संयुक्त अरब अमीरात से भारत आया था. फिलहाल, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खास बात है कि इस बीमारी का शिकार हुए तीनों मरीज केरल के हैं.