History of Yoga: क्या आप जानते हैं कि इतिहास में योग शब्द का उल्लेख सबसे पहले पवित्र ग्रंथ ऋग्वेद में किया गया था. प्राचीन काल से लोग शारीरिक, मानसिक व अध्यात्म के रूप योग करते आ रहे हैं. योग विद्या में शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरु या आदि गुरु के रूप में माना जाता है. उत्तरी भारत में योग की उत्पत्ति 5,000 साल पहले पढ़ने को मिलती है. सिन्धु घाटी सभ्यता में योग से सम्बन्धित सबसे प्राचीन ऐतिहासिक साक्ष्य मिले.
योग का जनक कौन है?
भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है. बाद में कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने योग का विस्तार किया और उनके बाद महर्षि पतंजलि ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया. प्राचीन भारत में महार्षि पतंजलि को ना सिर्फ एक मुनि बल्कि नागों के राजा का अवतार माना जाता था. उन्हें योग का जनक यानि पिता भी कहा जाता है. वैसे भारत के कुछ हिस्सों में, तिरुमलाई कृष्णमाचार्य को आधुनिक योग का जनक भी माना जाता है.
कैसे हुई योग शब्द की उत्पत्ति
'योग' शब्द संस्कृत धातु 'युज' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'जुड़ना' या 'जोड़ना' या 'एकजुट होना'. व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन भी योग कहा जाता है. योग को हिंदु धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
भारत में योग की शुरुआत कैसे हुई?
कई हजार साल पहले, हिमालय में कांतिसरोवर झील के तट पर, आदियोगी ने अपने गहन ज्ञान को पौराणिक सप्तऋषियों या "सात संतों" में डाला. संतों ने इस शक्तिशाली योगिक विज्ञान को एशिया, मध्य एशिया सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया. हालांकि, भारत में योग प्रणाली को अपनी पूर्ण अभिव्यक्ति मिली.
2700 ईसा पूर्व वैदिक काल में योग के अस्तित्व के ऐतिहासिक प्रमाण मिले जो पतंजलि के काल तक देखे गए. योग के बारे में महर्षि पतंजलि ने संस्कृत में कई ग्रंथ लिखे. योगसूत्र, अष्टाध्यायी और आयुर्वेद नाम के उनके ग्रंथ आज भी लोग पढ़ते हैं.