Advertisment

अच्छी खबरः Corona डेल्टा वेरिएंट का एक ही स्ट्रेन चिंता की वजह

भारत में सबसे पहले मिले कोविड-19 के 'डेल्टा' वेरिएंट का बस एक स्ट्रेन ही अब चिंता का विषय है. उसके बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Corona Virus

डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा वेरिएंट के एक ही स्ट्रेन को बताया चिंता की बात.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की घातक दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माने जा रहे भारत में मिले वेरिएंट के खतरे को लेकर अच्छी खबर आई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि भारत में सबसे पहले मिले कोविड-19 के 'डेल्टा' वेरिएंट का बस एक स्ट्रेन ही अब चिंता का विषय है. उसके बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है. कोरोना के इस वेरिएंट को  बी.1.617 के नाम से जाना जाता है और इसी की वजह से भारत में कोरोना की दूसरी लहर में इतनी अधिक तबाही देखने को मिली. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट है. बीते महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के इस वेरिएंट के पूरे स्ट्रेन को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी चिंता वाला वेरिएंट बताया था, जिसके बाद भारत सरकार (Modi Government) ने अपनी आपत्ति दर्ज की थी.

स्वास्थ्य के लिए बी.1.617.2 वेरिएंट खतरा
अब संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि इसका बस एक सब लिनिएज ही अब चिंता का विषय है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अब बड़े स्तर पर आमजन के स्वास्थ्य के लिए बी.1.617.2 वेरिएंट खतरा बना हुआ है, जबकि दूसरे स्ट्रेन के संक्रमण का प्रसार कम हो गया है. इससे पहले संगठन ने कहा था कि कोरोना वायरस के भारत में पहली बार पाए गए स्वरूप बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को अब से क्रमश: 'कप्पा' तथा 'डेल्टा' से नाम से जाना जाएगा. दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों की नामावली की नई व्यवस्था की घोषणा की है जिसके तहत वायरस के विभिन्न स्वरूपों की पहचान यूनानी भाषा के अक्षरों के जरिए होगी.

यह भी पढ़ेंः CBSE Board 12th Exam: बिना परीक्षा होंगे पास, ऐसे तैयार होगा रिजल्ट

डब्ल्यूएचओ ने रखे वेरिएंट के नाम
दरअसल तीन हफ्ते पहले नोवेल कोरोना वायरस के बी.1.617 स्वरूप को मीडिया में आई खबरों में 'भारतीय स्वरूप' बताने पर भारत ने आपत्ति जताई थी उसी की पृष्ठभूमि में डब्ल्यूएचओ ने यह कदम उठाया है. हालांकि भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ने अपने दस्तावेज में उक्त स्वरूप के लिए 'भारतीय' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कोविड-19 के बी.1.617.1 स्वरूप को 'कप्पा' नाम दिया है तथा बी1.617.2 स्वरूप को 'डेल्टा' नाम दिया है. 

यह भी पढ़ेंः अनलॉक की शुरुआत होते ही बढ़े कोरोना केस, मौतों का आंकड़ा भी फिर 3 हजार पार

अब इन नामों से हो रही वेरिएंट की पहचान
इस तरह का एक स्वरूप जो सबसे पहले ब्रिटेन में नजर आया था और जिसे अब तक बी.1.1.7 नाम से जाना जाता है उसे अब से 'अल्फा' स्वरूप कहा जाएगा. वायरस का बी.1.351 स्वरूप जिसे दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के नाम से भी जाना जाता है उसे 'बीटा' स्वरूप के नाम से जाना जाएगा. ब्राजील में पाया गया पी.1 स्वरूप 'गामा' और पी.2 स्वरूप 'जीटा' के नाम से पहचाना जाएगा. अमेरिका में पाए गए वायरस के स्वरूप 'एपसिलन तथा 'लोटा के नाम से पहचाने जाएंगे. आगे आने वाले चिंताजनक स्वरूपों को इसी क्रम में नाम दिया जाएगा.

HIGHLIGHTS

  • 'डेल्टा' वेरिएंट के बाकी दो स्ट्रेन का खतरा हो गया कम
  • इसकी वजह से कोरोना की दूसरी लहर में इतनी तबाही
  • वायरस के स्वरूपों की पहचान यूनानी भाषा के अक्षरों से होगी
Modi Government covid-19 corona-virus कोविड-19 World Health Organization मोदी सरकार कोरोना संक्रमण विश्व स्वास्थ्य संगठन Cause Of Concern चिंता का विषय
Advertisment
Advertisment