कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बाद अब बर्ड फ्लू विश्व के लिए बड़ा खतरा बन गया है. इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अलर्ट जारी किया है. गौरतलब है कि बर्ड फ्लू (Bird flu) एवियन (Bird) इन्फ्लूएंजा (Flu) टाइप ए वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी में से एक है. ये बीमारी आमतौर पर पोल्ट्री और इसके साथ अन्य पक्षियों और स्तनपायी प्रजातियों को संक्रमित भी कर सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विशलेषण में कहा कि ये बीमारी इंसानों के लिए खतरा हो सकती है.
WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस के अनुसार, H5N1 25 वर्षों से जंगली पक्षियों और पोल्ट्री में बड़े पैमाने पर फैल रहा है. अब स्तनधारियों में इस इंफेक्शन की बारीकी से निगरानी की आवश्यकता है.
ये भी पढ़ें: 'Cow Hug Day' की अपील मिनिस्ट्री ने ली वापस; Twitter पर मीम्स की बाढ़
दुर्लभ और कम ट्रांसमिशन इंसानों के बीच देखा
WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस के अनुसार, 1996 में H5N1 का पहला मामला सामने आया था. अब तक H5N1 के दुर्लभ और कम ट्रांसमिशन इंसानों के बीच देखा गया है. मगर हम यह नहीं कह सकते हैं कि परिस्थितियां उसी तरह से बनी रह सकती हैं. हमें परिस्थिति में किसी तरह के बदलाव को लेकर तैयार रहने जरूरत है. उन्होंने बताया कि बीते कुछ हफ्तों के अंदर स्तनधारियों में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण के कई मामले में मिले हैं. इनमें मिंक, ऊदबिलाव, लोमड़ी और शेर जैसे जानवर शामिल हैं.
WHO ने लोगों को दी अहम सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हमेशा की तरह लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मरे और बीमार जंगली जानवरों को बिल्कुल न छुएं और न ही घर लेकर आएं. इसके लिए आपको स्थानीय अधिकारियों को रिपोर्ट करने की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ इस पर लगातार काम कर रहा है. स्थितियों की गहराई से निगरानी करने का प्रयास हो रहा है. मनुष्यों में H5N1 संक्रमण के मामलों को लेकर शोध हो रहे हैं.
क्या होते हैं लक्षण
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, बर्ड फ्लू वायरस इंसानों में गंभीर बीमारी को दावत दे सकता है. स्थिति गंभीर होने के कारण पीड़ित मरीजों की मौत भी हो सकती है.
HIGHLIGHTS
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी किया
- ये बीमारी इंसानों के लिए खतरा हो सकती है
- 1996 में H5N1 का पहला मामला सामने आया था