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क्या इतिहास में वीर सावरकर से नाइंसाफी हुई? 10 साल में 6 चिट्ठियां और कितनी बार माफी? पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान दौरे पर स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि आज दूसरी बार मुझे आजादी के तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला है. मैं जब-जब यहां आता हूं, एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त करके यहां से जाता हूं. देश भर के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई गई ये सेल्युलर जेल सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है. इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए अनेकों लोगों ने बलिदान दिए. वीर सावरकर की देशभक्ति पर क्यों उठाए जाते हैं सवाल? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- आज के समय में वीर सावरकर को गांधी से बड़ा बनाने का काम किया जा रहा है : आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
- इतिहास को गलत संदर्भ में पेश किया गया : आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
- संसद के हमले में भी कई लोग बरी हो गए थे, क्या उन्हें भी भारत रत्न दे देना चाहिए? : आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
- वीर सावरकर के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है : रंजीत सावरकर, वीर सावरकर के पौत्र
- कोर्ट ने माना सावरकर का कोई संबंध नहीं : रंजीत सावरकर, वीर सावरकर के पौत्र
- सावरकर से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक हैं : रंजीत सावरकर, वीर सावरकर के पौत्र
- सरदार पटेल चाहते थे कि सावरकर उनसे मिले : रंजीत सावरकर, वीर सावरकर के पौत्र
- सावरकर के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिले थे, इसलिए सरकार ने अपील नहीं की थी : रंजीत सावरकर, वीर सावरकर के पौत्र
- देश का बंटवारा रोक सकते थे वीर सावरकर : उदय माहुरकर, लेखक
- सावरकर ने कहा था कांग्रेस मुस्लिम तृष्टीकरण में बहुत आगे बढ़ चुकी है : उदय माहुरकर, लेखक
- सावरकर ने बार-बार कांग्रेस को आगाह किया था कि मुस्लिम तुष्टीकरण की ओर से ना जाए, नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता है : उदय माहुरकर, लेखक
- सावरकार ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने अपनी नीति नहीं बदली तो देश का बंटवारा हो सकता है : उदय माहुरकर, लेखक
- कांग्रेस ने तृष्टीकरण किया : उदय माहुरकर, लेखक
- सावरकर का दुष्प्रचार किया गया : उदय माहुरकर, लेखक
- सावरकर ने कभी भी खून की नदियों की बात नहीं की थी : उदय माहुरकर, लेखक
- तत्कालीन सरकार ने अपील क्यों नहीं किया? : उदय माहुरकर, लेखक
- सावरकर के वकील से भी मिले थे अंबडेकर : उदय माहुरकर, लेखक
- लेख लिखने के लिए CIA से पैसे लेते थे सावरकर : डॉ. रतन लाल, एसोसिएट प्रोफेसर, DU
- आजादी के बाद सीआईए का एक डॉक्यूमेंट है, जिसमें कहा गया है कि सीआईए से लेख लिखने के लिए वे पैसे लेते थे : डॉ. रतन लाल, एसोसिएट प्रोफेसर, DU
- राजनीति और इतिहास की लीला इतना आसान नहीं है : डॉ. रतन लाल, एसोसिएट प्रोफेसर, DU
- अगर सरकार अपील में नहीं गई तो कांग्रेस से सवाल पूछिये : डॉ. रतन लाल, एसोसिएट प्रोफेसर, DU
- राजनीतिक पार्टियों में आवाजाही लगी रहती है : डॉ. रतन लाल, एसोसिएट प्रोफेसर, DU
- वीर सावरकर के बलिदान को कोई नहीं देख रहा है : प्रदीप कुमार वर्मा, लखनऊ
Source : News Nation Bureau
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