अस्थमा एक श्वासनली रोग है जिसमें व्यक्ति को आसमानी श्वास की समस्या होती है. यह एक प्रज्ञातंत्रिक रोग है जिसमें श्वासनली में सूजन, स्थूलता, और स्पैस्म होता है, जिससे श्वास लेने में कठिनाई होती है. अस्थमा के लक्षण में सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द, और घातक दर्द की भारी तकलीफें शामिल हो सकती हैं. अस्थमा का मुख्य कारण श्वासनली के तंतु या ब्रोंकायल ट्यूब के सुजन में हो सकता है, जो वायुमंडलीय प्रदूषण, धूल, कीटाणु, या अन्य एलर्जनों से हो सकती है। यह जीवन जीने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और समय-समय पर आवृत्ति कर सकता है. अस्थमा के उपचार में दवाओं, इनहेलर्स और लॉन्ग-टर्म कंट्रोल मेडिकेशन का समावेश हो सकता है, जो व्यक्ति को श्वासनली की सूजन और स्थूलता को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, व्यक्ति को अपने श्वासनली स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए योग और प्राणायाम का अभ्यास करना भी फायदेमंद हो सकता है. आइए जानते हैं कि सर्दियों में अस्थमा की समस्या क्यों बढ़ती है और इसके निवारण के घरेलू उपचार क्या हैं.
मौसम का प्रभाव: सर्दियों में ठंडक और शुष्कता के कारण हवा में धूल, कच्छे, और अन्य एलर्जनों का स्तर बढ़ सकता है, जिससे अस्थमा के अत्यधिक होने का खतरा बढ़ सकता है.
ठंडी हवा का प्रभाव: ठंडी हवा से हुई बदलती तापमान और बारिश की वजह से रसायनिक पदार्थों का मामूल्य वायुमंडल में बढ़ सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं.
प्रदूषण: सर्दियों में वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है, जिससे वायुमंडल में उच्चतम लेवल के तत्वों का संघटन हो सकता है और यह अस्थमा के लिए हानिकारक हो सकता है.
ठंडी वायुमंडल में विषाणुओं का प्रचुर मात्रा में संग्रहण: सर्दियों में विषाणुओं का संग्रहण ठंडी वायुमंडल में बढ़ सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षणों का प्रकट होने की संभावना बढ़ सकती है.
रेस्पिरेटरी इनफेक्शन: सर्दियों में रेस्पिरेटरी इनफेक्शन की बढ़ती संभावना होती है, जिससे अस्थमा के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है.
वायुमंडलीय तत्वों के प्रदूषण का असर: स्वच्छ और स्वस्थ वायुमंडल में रहना हमेशा अच्छा होता है, लेकिन सर्दियों में प्रदूषण के कारण वायुमंडल में अनियमितता हो सकती है, जिससे अस्थमा के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है.
क्या हैं अस्थमा ठीक करने के घरेलू उपचार
अस्थमा के घरेलू उपचार में कुछ प्रभावी और सुरक्षित तरीके हो सकते हैं, लेकिन इससे पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यहां कुछ अस्थमा के घरेलू उपचार हैं:
अदरक (Ginger): अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं जो श्वासकोण में सूजन को कम कर सकते हैं। आप गुणगुणे पानी में अदरक का रस और शहद मिलाकर पी सकते हैं.
हल्दी (Turmeric): हल्दी में कुर्क्यूमिन नामक एक एंटी-इन्फ्लैमेटरी यौगिक होता है जो श्वासकोण में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। आप दूध में हल्दी मिलाकर पी सकते हैं.
शहद (Honey): शहद में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो श्वासकोण में सूजन को कम कर सकते हैं.
वायुमंडलीय योगाभ्यास (Breathing Exercises): प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे वायुमंडलीय योगाभ्यास अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जो श्वासनली को मजबूती और सहारा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं.
नीम की पत्तियां (Neem Leaves): नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर इसका धुआं लेना अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है.
तुलसी (Holy Basil): तुलसी में एंटी-इन्फ्लैमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो श्वासकोण की सफाई करने में मदद कर सकते हैं. तुलसी की पत्तियों का रस निकालकर पीना फायदेमंद हो सकता है.
स्थायी वस्त्र धारण (Wearing Scarves): सर्दीयों में स्थायी वस्त्र पहनना, विशेषकर उच्च ठंडाई और भारी हवा में, श्वासकोण को ठंडाक देने में मदद कर सकता है.
ध्यान दें कि ये उपचार सामान्य स्थितियों के लिए हो सकते हैं और यदि आपका अस्थमा गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
Source : News Nation Bureau