कैंसर होने पर बालों का झड़ना एक सामान्य समस्या है. कैंसर के इलाज के दौरान बालों का झड़ना कई कारणों से होता है, जो शरीर के रोगाणु शक्ति को प्रभावित करते हैं. इस प्रक्रिया का नाम 'अलोपेशिया' है, जिसमें बालों के पैटर्न की असमानता होती है और उनका झड़ना शुरू हो जाता है. कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ उपचार दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण बाल झड़ने लगते हैं. कैमोथेरेपी जैसी चिकित्सा विधियां, जो कैंसर को खत्म करने के लिए किया जाता है, इस प्रकार के साइड इफेक्ट्स को उत्पन्न करती हैं. इसके अलावा, कैंसर के इलाज के दौरान तनाव, थकान, और आहार की कमी भी बालों के झड़ने को बढ़ा देती हैं.
मानसिक रूप से असर करती है यह समस्या
कैंसर का इलाज करते समय आमतौर पर बालों का झड़ना केवल एक दिनचर्या में होने वाली एक समस्या नहीं है, बल्कि यह रोगी के भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. इस प्रकार के साइड इफेक्ट्स के साथ सामना करना मानसिक रूप से भी कठिन होता है, और इसमें परिवार और दोस्तों का साथ भी आवश्यक है.कैंसर रोगी को बालों का झड़ना न केवल उनके दृष्टि से बदलता है, बल्कि इससे उनके आत्मविश्वास पर भी असर पड़ता है. इस चुनौतीपूर्ण समय में सहारा और समर्थन मिलना बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिससे रोगी अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रख सके. परिवार और दोस्तों का साथ, साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग, और समर्थन समूहों का सहारा इसमें सहायक होता है.
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डॉक्टरों के सीधे संपर्क में रहें
कैंसर के इलाज के दौरान बालों के झड़ने का प्रबंधन के लिए कुछ सावधानियां भी हो सकती हैं. स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी पीना, और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना इसमें मदद कर सकता है. चिकित्सक की सलाह के अनुसार, रोगी को उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक मंत्रों और ध्यान की अभ्यास करने का प्रेरणा देना भी फायदेमंद होता है. अगर कोई व्यक्ति कैंसर के इलाज के दौरान बालों के झड़ने से परेशान है, तो उन्हें अपने चिकित्सक से खुलकर बातचीत करनी चाहिए. चिकित्सक रोगी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सही और सावधानीपूर्ण उपायों का सुझाव देंगे ताकि रोगी को साइड इफेक्ट्स को कम करने और स्वास्थ्य को सही तरीके से बनाए रखने में मदद मिले.
Source : News Nation Bureau