शोधकर्ताओं की एक टीम ने बताया है कि अमेरिका में नर्सें अन्य सामान्य कर्मचारियों की तुलना में सबसे ज्यादा आत्महत्या के बारे में सोचती हैं और जो ऐसा करती हैं उनके बारे में किसी को बताने की संभावना कम होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन लोगों ने आत्महत्या के विचार की सूचना दी थी, उन्होंने यह भी कहा कि अन्य लोगों की तुलना में वह किसी से इमोशनल सपोर्ट के लिए प्रोफेशनल मदद भी नही लेतीं. एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में, 7,000 से अधिक नर्सों ने अपनी-अपनी बात रखी जिसमे ज्यादा तर डिप्रेशन से बाहर आना या डिप्रेशन से झूजने की कहानी थी.
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एक स्टडी में पता चला कि पिछले एक साल में 400 से अधिक नर्सों ने आत्महत्या करने की सोची है. हालांकि आत्महत्या करना बहुत गलत कदम होता है न ये किसी बात का सलूशन होता है और न ही जवाब लेकिन दुनिया में आज भी कई लड़कियां कई औरतें आत्महत्या डिप्रेशन के चलते या फिर कोई और अन्य समस्या के चलते इस कदम को उठा लेती है.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो हर तीसरी नर्स डिप्रेशन की इस सिचुएशन से झूझती है. और इस स्थिति को जल्द बदलने की ज़रुरत है. इन सब चीज़ों के बीच यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह सर्वेक्षण 2017 के अंत में शुरू हुआ था, 2018 में डेटा के साथ, इससे पहले इनमें से किसी भी नर्स को कोविड -19 महामारी के प्रभावों का सामना करना पड़ा था. एक स्टडी के मुताबिक भारत में 15 से 29 वर्ष की आयु की महिलाओं में मृत्यु की वजह आत्महत्या है, और समान जनसख्यां की बात करें तो देशों में युवा और मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं की दर सबसे ज्यादा है.
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Source : News Nation Bureau