हेल्थ अलर्ट! लगातार नाइट शिफ्ट करने से हो सकता है कैंसर

रात में काम करने से आपके शरीर की सामान्य सेलुलर प्रक्रियाओं क्षतिग्रस्त होने के कारण डीएनए की मरम्मत करने की क्षमता में दिक्क्तें आती है।

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
हेल्थ अलर्ट! लगातार नाइट शिफ्ट करने से हो सकता है कैंसर

नाईट शिफ्ट

Advertisment

अगर आप नाईट शिफ्ट में काम करते है तो सचेत हो जाइये! एक रिसर्च से पता है कि लगातार नाइट शिफ्ट में काम करने से कैंसर हो सकता है। इतना ही नहीं बल्कि आपके शरीर की सामान्य सेलुलर प्रक्रियाओं (cellular processes) क्षतिग्रस्त होने के कारण डीएनए की मरम्मत करने की क्षमता में दिक्क्तें आती है।

रात को 'स्लीप हार्मोन' मेलाटोनिन का उत्पादन रुक जाता है, जो कि आंतरिक circadian rythm को नियंत्रित करने का काम करता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि नाईट शिफ्ट में 'मेलाटोनिन' पर्याप्त स्तर में न होने से शरीर डीएनए को हुई क्षति की मरम्मत को ठीक नहीं कर पता है जिससे कैंसर होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

और पढ़ें: सावधान! ऑफिस में लंबे समय तक बैठे रहने से हो सकती है असमय मौत

पिछले शोध में 223 नाइट शिफ्ट में काम करने वाले प्रतियोगियों को शामिल किया गया जिसमे पता चला कि दिन की नींद सक्रिय डीएनए टिशू मरम्मत के उत्पाद के मूत्र के निचले स्तर से जुड़ी होती है, जिसे रात की नींद से 8-ओएच-डीजी कहा जाता है -  सेलुलर क्षति की मरम्मत के लिए कम क्षमता का संकेत देता है।

शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि नाईट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में मेलाटोनिन का उत्पादन कम हो जाता है 

दुनियाभर में होने वाली हर तीन में एक मौत दिल संबंधी रोगों (सीवीडी) की वजह से होती है।  वाशिंगटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर ग्रेगरी रॉथ का कहना है किसी वीडी के जोखिम कारकों में उच्च रक्तचाप, असंतुलित आहार, उच्च कोलेस्ट्रॉल, तंबाकू-धूम्रपान, शराब की ज्यादा खपत और मोटापा शामिल है जो पूरी दुनिया में आम है। 

लिवर पर भी बुरा असर
नाईट शिफ्ट न आपके दिल बल्कि लीवर के लिए भी नुकसानदायक है। इस बात का खुलासा एक शोध ने किया है। शोध के मुताबिक नाइट शिफ्ट के चलते समय पर खाना न खाने से इसका सीधा असर लिवर पर पड़ता है।

शोध में मुताबिक नाइट शिफ्ट करने वालों का लीवर शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग कर पाया कि जिगर का आकार रात में बढ़ता है और वह खुद को ज्यादा खुराक के लिए तैयार करता है, लेकिन उसे समय पर उतनी खुराक नहीं मिल पाती।

शोधकर्ताओं ने पाया में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि नाइट शिफ्ट में जिगर यानी लीवर बुरी तरह प्रभावित होता है। लिवर 24 घंटों में दिन और रात के हिसाब से भोजन और भूख के चक्र का आदी हो जाता है।

और पढ़ें: आरडी बर्मन उर्फ पंचम दा के जन्मदिन पर सुने ये सदाबहार गानें

Source : News Nation Bureau

cancer DNA night shift
Advertisment
Advertisment
Advertisment