World Alzheimer Day 2023 : इंसानों को अपने शरीर के साथ साथ दिमाग का भी खास ख्याल रखना चाहिए. लोगों को यही संदेश देने के लिए हर वर्ष 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय अल्जाइमर्स फेडरेशन ने वर्ष 1994 में 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाने का शुभारंभ किया था. अल्जाइमर रोग इंटरनेशनल के मुताबिक, पूरे महीने तक चलने वाले अभियान की थीम 'कभी भी जल्दी नहीं, कभी बहुत देर नहीं' रखी गई है.
जानें क्या है अल्जाइमर?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार अल्जाइमर रोग है. करीब 60-70 फीसदी केसों में यह बीमारी पाई जाती है. अगर मेडिकल टर्म में अल्जाइमर रोग के बारे में बात करें तो यह एक प्रोग्रेसिव ब्रेन डिसऑर्डर है, जो इंसान की मेमोरी, सोच और बिहेवियर को पूरी तरह से प्रभावित कर देता है. इससे पीड़ित लोगों के दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और फिर उनकी धीरे धीरे याददाश्त चली जाती है. यह बीमारी अक्सर 65 साल से अधिक आयु के लोगों में होती है.
जानें अल्जाइमर रोग के लक्षण
अल्जाइमर रोग से पीड़ित मरीजों का ब्रेन सिकुड़ने लगता है. इस बीमारी के लक्षण में रोजमर्रा के कार्यों में कठिनाई आना, याददाश्त में कम आना, बोलने में परेशानी होना, मूड और व्यक्तित्व में बदलाव शामिल हैं. इसके रोगी अपनी कही हुई बातों को भूल जाते हैं, जैसे कोई बयान या पता भूल जाना...
जानें क्या है कारण
अल्जाइमर रोग के कुछ सामान्य कारक पारिवारिक इतिहास या फिर सिर में चोट लगना होता है. इसके अलावा डायबिटीज, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, स्मोकिंग, अल्कोहल आदि भी इस बीमारी के कारण हो सकते हैं. शारीरिक गतिविधि की कमी और खराब लाइफस्टाइल भी अल्जाइमर रोग को बढ़ावा देती है.
जानें क्या है बचाव?
दवाओं से अल्जाइमर रोगों के लक्षणों और लाइफ क्वालिटी में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन अभी तक इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है. इससे बचाव सबसे आसान और बेहर इलाज सिर्फ उचित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली है.
Source : News Nation Bureau