World Diabetes Day 2017: डायबिटीज से लड़ने के लिए मिठाई छोड़ दौड़ लगा रहे कोलकातावासी

कोलकाता के लोग फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेकर अच्छी और स्वस्थ जिंदगी के लिए नई पहल कर रहे हैं। लोग स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो गए हैं।

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Aditi Singh
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World Diabetes Day 2017: डायबिटीज से लड़ने के लिए मिठाई छोड़ दौड़ लगा रहे कोलकातावासी

कोलकाता का रनिंग ग्रुप (साभार- सयान्तन देसगुप्ता)

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जब भी हम कोलकाता की बात करते हैं तो सबसे पहला ध्यान हमारे दिमाग में 'रसोगुल्ला' का ही आता है, लेकिन समय के साथ बंगाल के लोगों में बदलाव आ रहा है।

हर सुबह कोलकाता के विक्टोरिया, रीड रोड, ईको पार्क और साल्ट लेक इलाके में सैकड़ों लोग इकट्ठा होते हैं और दौड़ लगाते हैं। कोलकाता के लोग फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेकर अच्छी और स्वस्थ जिंदगी के लिए नई पहल कर रहे हैं। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

मीठे का शौकीन शहर होने के नाते, मधुमेह कोलकाता के लोगों के लिए एक बड़ा खतरा है और यह घातक बीमारी उन कारणों में से एक है जिसके कारण वे अपनी जीवन शैली की आदतों को बदल रहे हैं।

डाइबिटीज के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है और डॉक्टर्स ने ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए मरीजों को हल्की एक्सरसाइज और दौड़ने की सलाह दी है। कोलकाता में कई रनिंग ग्रुप्स हैं जो स्वस्थ और बेहतर जिंदगी की शुरुआत के लिए लोगों को सदस्य बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

साल्ट लेक के रहने वाले नीरज बंसल (45) डायबिटीज के मरीज हैं। उनका ब्लड शुगर 160 पर पंहुच गया था, जिसके नियंत्रण के लिए डॉक्टर्स ने उन्हें मार्निंग वॉक पर जाने की सलाह थी। बंसल कोलकाता रोड रनर नाम के एक रनिंग ग्रुप से जुड़ गए। थोड़े ही दिनों में उनका ब्लड शुगर घटकर 120 हो गया। उनके लिए दौड़ना एक 'लाइफ चेंजिंग' अनुभव साबित हुआ।

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बंसल का कहना है, 'रनिंग ने मेरी पूरी जिंदगी बदल दी। पहले मैं डायबिटीज को निंयत्रित करने के लिए दौड़ता था, पर बाद में यह मेरा पैशन बन गया। अब मैं वापस से मिठाइंया खा सकता हूं जो पहले ब्लड शुगर बढ़ने के कारण बंद हो गया था।'

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज के रोगियों के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर हैं। देश में करीब 7 करोड़ लोग डायबिटीज से परेशान हैं।

कोलकाता के डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. सूरज चंदा का कहना है, 'डायबिटीज जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है, एक टाइम था जब हम इस तरह की बीमारियां केवल शहरी इलाकों में पाते थे लेकिन अब ग्रामीण इलाकों से भी ऐसे मामले सामने आ रहें है, जो चिंताजनक है।'

कुछ लोग शौकिया दौड़ते हैं लेकिन कई स्वस्थ और अच्छी जीवनशैली के लिए दौड़ते हैं।

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Source : News Nation Bureau

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