World Heart Day : आज पूरी दुनिया वर्ल्ड हार्ट डे मना रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे शरीर को तंदुरुस्त रखने वाला दिल कितना स्वस्थ है और सेहतमंद है? पिछले कुछ सालों में दिल के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है. खास तौर पर कोरोना महामारी के बाद दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. लोगों की लाइफ स्टाइल उनके खाने-पीने की आदतें और कसरत ना करने की आदतों की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है.
पिछले एक साल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. दरअसल कोरोना महामारी के बाद दिल कमजोर हो गया है. 58 साल के रवि कुमार दिल्ली के लक्ष्मीनगर में रहते हैं. उन्हें पिछले साल कोरोना वायरस और इसलिए कोरोना से ठीक होने के बाद उन्होंने पिछले साल जुलाई महीने में कोरोना वायरस से बचने के लिए कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई थी. रवि का कहना है कि दूसरी डोज लगवाने के कुछ महीनों बाद ही उन्हें सीने में और दिल में जलन होने की समस्या पैदा हुई जिसके बाद डॉक्टर ने जनवरी 2022 में उन्हें अपने दिल में पेसमेकर लगवाने की सलाह दी. रवि के घर में किसी को भी आज तक दिल की बीमारी नहीं रही है और उनका कहना है कि कोरोना वायरस रीड और लगवाने के बाद ही उन्हें दिल से जुड़ी समस्या हुई है.
वहीं रवि की तरह दिल्ली के शकरपुर में रहने वाले सुमित मल्होत्रा दिल की बीमारी की वजह से अपने परिजन को खो चुके हैं. सुमित का 28 साल का भाई जिसका महज वजन उम्र से ज्यादा था. उसकी इतनी कम उम्र में मौत होने के बाद सुमित अब तक सदमे में है. सुमित को नहीं पता कि आखिर उनका भाई अचानक क्यों चला गया लेकिन अपने भाई के इस दुनिया से जाने के बाद सुमित अपना और अपने परिवार का स्वास्थ्य संबंधी ख्याल खूब रखते हैं. अबे रोजाना एक्सरसाइज करते हैं, योग करते हैं और अच्छे खान-पान पर ध्यान देते हैं. वहीं मनोज कुमार गोगिया 50 साल के हैं और ये भी दिल से जुड़ी बीमारी की वजह से अपने चाचा प्रेम चंद जी को खो चुके हैं. अपने परिवार के सबसे करीबी सदस्य को खोने के बाद से मनोज सदमे में हैं. औ ये भी अब अपने दिल का खयाल रखने लगे हैं. सुबह सैर पर निकल जाते हैं और अच्छे खान पान के साथ अच्छी नींद लेते हैं ताकि दिल या शरीर से जुड़े किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके.
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डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी घटना से बचने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है. खासकर ऐसे लोगों को जिनके परिवार में कोई दिल का मरीज रहा हो. कई अध्ययनों में पता चला है कि कोरोना संक्रमण और लोगों की खराब जीवनशैली के कारण दिल के दौरे के मामले बढ़े हैं. प्रोफेसर डॉक्टर तरुण कुमार का कहना है कि कोरोना से गंभीर बीमार हुए लोगों में दिल के दौरे और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. कोरोना के बाद धड़कन असामान्य होना, दिल की मांसपेशियों का कमजोर होना, पैरों से खून का थक्का बनकर फेफड़ों तक पहुंचना सहित कई समस्याएं मरीजों में देखने को मिल रही है. साथ ही समय-समय पर रक्तचाप, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें. डॉ. तरुण के मुताबिक, 25 साल से अधिक उम्र होने पर एक बार अपने दिल की जांच जरूर करा लेनी चाहिए. अगर परिवार में किसी को 40 से कम उम्र में दिल की बीमारी हुई है तो आप भी हर पांच साल पर अपनी दिल की जांच कराएं.