हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे मनाया जाता है. इस दिन इस खौफनाक और जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है. ये दिन खासतौर पर कैंसर सर्वाइवर के लिए जश्न का दिन है, उन्हें इस जानलेवा बीमारी को मात देकर जिंदगी जीती है. बता दें कि लंग्स कैंसर यानि फेफड़ों का कैंसर बहुत भयंकर हो सकता है. भारत में तो इसके केस कई बार सामने आ चुके हैं, ऐसे में हमें जरूरत है इसके प्रति सजक और सतर्क रहेने की. इसलिए आज हम आपको बताएं कि कैसे पता करें इसके लक्षण और कैसे रहे हमेशा सतर्क...
WHO की द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, लंग्स कैंसर की बीमरी से 18 लाख लोग अपनी जान गवा चुकी हैं. इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए साल 2012 में पहली बार इसका आयोजन किया गया था, जिसे फोरम ऑफ इंटरनेशनल रेस्पिरेटरी सोसाइटीज, इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग्स कैंसर और अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन की सहायता से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी.
लंग्स कैंसर के प्रकार
- स्मॉल सेल लंग्स कैंसर: ये ज्यादा स्मोकिंग की वजह से होता है. इस प्रकार का कैंसर काफी तेजी से फैलता है.
- नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर: ये नॉर्मल कैंसर होते हैं. करीब करीब 75 से ज्यादा प्रतिशत लोगों को इसी तरह का कैंसर होता है.
ये हैं लक्षण...
लंग्स के कैंसर के कई लक्षण हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, शरीर में अक्सर महसूस होने वाली थकान, भूख का मर जाना, लगभग हर सिर में दर्द होना, आवाज का बैठ जाना, कुछ-कुछ मामलों में चाहे जितना खाना खा लो, मगर वजन लगातार कम होता रहता है. वहीं जब स्थिति काफी ज्यादा गंभीर होती है, ऐसे वक्त में लंबे समय तक खांसी रहना और खांसी में खून जैसे लक्षण फेफड़ों के कैंसर का संकेत है.
क्या है वजह?
धूम्रपान करना, फेफड़ों में कैंसर की सबसे बड़ी वजह है. दरअसल जो नशीले पदार्थ का सेवन करते हैं, धूम्रपान करते हैं उन्हें इसका खतरा अत्याधिक रहता है. वहीं इसके साथ ही जो लोग प्रदूषण वाली हवा में रहते हैं, जेनेटिक कारण और सांस संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.
Source : News Nation Bureau