दुनियाभर में 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। भारत में अंग दान की स्थिति अच्छी नहीं है। ऑर्गन इंडिया के मुताबिक भारत में दो लाख कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है लेकिन सिर्फ 50 हजार कॉर्निया ही डोनेट हो पाते है। ऐसे ही इस मामले से जुड़े कई आंकड़े बेहद चौका देने वाले है। आप न सिर्फ अंग दान करते है बल्कि किसी जरूरतमंद को नई उम्मीद और जीवन भी देते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
20 वर्षीय युवक सचिन कृष्णन एक अस्पताल के इमरजेंसी ट्रामा केयर में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था। अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' के मुताबिक बुधवार चिकित्सकों ने सचिन को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। ब्रेन डेड के बाद सचिन के परिवारवालों ने उसके अंग जैसे आंखें, किडनी, लिवर को डोनेट करने का फैसला किया। केएनओएस नोडल अधिकारी डॉ नोबल दयालु ने कहा, ऑर्गेनिंग के लिए केरल नेटवर्क (केएनओएस) ने दान करने में सहायता की, एक मेडिकल ऑफिसर ने ब्रेन डेड को प्रमाणित किया। उन्होंने कहा, 'इस साल अंग दान बहुत कम हुआ और ऐसा मामला बहुत समय बाद आया है।
और पढ़ें: World organ donation day 2017: अंगदान के साथ नया जीवन देते है आप, जानें इससे जुड़े कुछ तथ्य
इससे पहले केरल में अंगदान पिछले साल जून में हुआ था जो कि बेहद चौकाने वाली बात है। सचिन सहित इस वर्ष मृतक दाताओं की संख्या 12 पर पहुंच गई है।
हाई कोर्ट के दिए हुए आर्डर के अनुसार सरकार ब्रेन डेथ की घोषणा में चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रही है।तदनुसार, एक चार्ट हर दिन डॉक्टरों के लिए अस्पतालों में बनाया गया है ताकि जब ऐसा कोई मामला आये तो वे तैयार रहें।
के.एस. राधाकृष्णन नायर के बेटे सचिन कलमस्सेरी के राजगरी कॉलेज में बी.कॉम अंतिम वर्ष का छात्र था।
सचिन की दोनों किडनियों में से एक किडनी वहां के एक अस्पताल में 50 वर्षीय रोगी में ट्रांसप्लांट की जाएगी वहीं दूसरी किडनी को एक ट्रस्ट अस्पताल में एक रोगी में ट्रांसप्लांट होगी। सचिन के लिवर और हाथ को भी डोनेट किया गया है।
और पढ़ें: World organ donation day 2017: दूसरों के चेहरे पर बिखेरे मुस्कान, जानिए क्यों जरूरी है अंगदान
Source : News Nation Bureau