दुनियाभर में 13 अगस्त को विश्व अंगदान मनाया जाता है और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। भारत में अंगदान की स्थिति ठीक नहीं है। अंगदान के बारे में जागरूकता और ज्ञान की कमी के कारण हमारे देश में अंगों की बर्बादी होती है। भारत में अंग डोनर्स की कमी के कारण अंगों के लिए इंतजार करते हुए 90 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु हो जाती है।
जानिए अंगदान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में:
- कोई भी जीवित व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के ट्रांसप्लांट के लिए एक अंग (या किसी अंग का अंग) दान कर सकता है। लिविंग डोनर पारिवारिक सदस्य भी हो सकता है, जैसे कि माता-पिता, बच्चे, भाई या बहन, दादा-दादी या पोते।
- परिवार के आलावा जीवित दान किसी ऐसे व्यक्ति से भी आ सकता है जो जरूरतमंद से इमोशनली जुड़ा हुआ है जैसे कि एक अच्छा दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी आदि।
- अंग ट्रांसप्लांट करने वाले अस्पतालों के पास एक वेटिंग लिस्ट होती है और उसके हिसाब से जिस मरीज का नंबर होता है, उसमें अंग को लगा दिया जाता है। अंग लगाते वक्त मैचिंग के लिए ब्लड ग्रुप और दूसरे कई टेस्ट किए जाते हैं। अगर सब कुछ ठीक है तो अंग लगा दिया जाता है और अगर मैचिंग नहीं होती तो वेटिंग लिस्ट के अगले मरीज के साथ उसे मैच किया जाता है।
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जीवित रहते हुए क्या डोनेट कर सकते है ?
- रक्त
- बोन मैरो
- किडनी
- लिवर के अंश
- फेफड़ों का भाग
कौन-से अंग मृत्यु होने के बाद ट्रांसप्लांट किये जा सकते है ?
- आंखें
- हृदय के वाल्व
- त्वचा और प्रावरणी
- हड्डियों और tendons
- कार्टिलेज
- नसों और धमनियों
ब्रेन डेथ होने के बाद दान
- किडनी
- लिवर
- फेफड़े
- छोटी आंत
- वॉइस बॉक्स
- पैंक्रियास
- हाथ
- गर्भाशय
- ओवरी
- आंखें
- त्वचा
- हड्डियों
- tendons
- नसों और धमनियों
- नसें
ट्रांसप्लांटेशन में कितना समय
- फेफड़े: 6 घंटे
- जिगर: 6 घंटे
- लिवर: 12 घंटे
- पैंक्रियास: 24 घंटे
- किडनी: 48 घंटे
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कितने समय के अंदर होता है ट्रांसप्लांट ?
ब्रेन डेथ (एक्सीडेंट में हुई मौत) के बाद जितनी जल्दी हो सके अंग को निकाला जाना चाहिए। टिशूज को 12 से 24 घंटों के अंदर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
अंग के साथ नया जीवन देते है आप
भारत में करीब 10,00,00 लोग लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है। आप इनकी मदद कर इन्हे सिर्फ अंग ही नहीं बल्कि नया जीवन भी देते है। दिल, लिवर, किडनी और फेफड़े जैसे महत्वपूर्ण अंगों को उन रोगियों में ट्रांसप्लांट किया जाता है जिनके अंग काम करने में विफल हो जाते हैं।
क्या आप कर सकते है अंगदान?
जी हां, हर वयस्क एक अंग दाता हो सकता है लेकिन इससे पहले माता-पिता की सहमति लेनी जरूरी है। यहां तक कि बच्चे भी अंग दान कर सकते हैं।
- 100 साल तक: कॉर्निया, त्वचा
- 70 साल तक: गुर्दा, जिगर
- 50 साल तक: दिल, फेफड़े
- 40 साल तक: हार्ट वाल्व
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Source : News Nation Bureau