विश्व अंगदान दिवस 13 अगस्त को मनाया जाता है। अंगदान के मामले में भारत अभी काफी पीछे है, जिसके कारण कई लोग अपना दम तोड़ देते हैं। जागरूकता की कमी के कारण लोगों में अंगदान को लेकर गंभीरता नहीं पाई जाती है। लेकिन इस दान के चलते आप कई जिंदगियों को बचा सकते है।
अंगदान जीवित और म़त दोनों ही अवस्था में किया जा सकता है। अंगों की खरीद-फरोख्त हमारे देश में अवैध है, ऐसे में कई बार अंग दान के बैंक में अगर आप खुद को रजिस्टर कराते है को आपसे संपर्क करने में आसानी होगी। आज हम आपको अंग दान करने के लिए रजिस्टर करने का तरीका बता रहे है।
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- अंगदान करने के लिए आप किसी मेडिकल कॉलेज, संस्था या ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं। आपको फॉर्म भरना होगा। जिसके साथ ही आपको रजिस्ट्रेशन कार्ड मिलेगा। जिससे अंगदान की आवश्यकता होने पर आपसे संपर्क करने में आसानी होगी।
- आप इस बारे में अपने परिजनों और निज जनों को जरूर बताए। ताकि आपकी मृत्यु के बाद आपके परिवार वाले आपके अंगो को सही समय पर दान दे सके। अंगदान की इच्छा आप वसीयत में भी कर सकते हैं, यह क़ानूनन मान्य है
- अंगदान करने के लिए उम्र सीमा नहीं होती है। ऐसे में आप अपने अंगो या टिश्यू का दान करने के मामले में हिचकिचाए नहीं। आपकी मृत्यू के बाद अंगो की स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री आधार पर ही आपके अंगों को निकाला जा सकता है।
- मृत्यु के तुंरत बाद आपके शरीर को रेफ्रिजरेटेड कॉफिन्स में प्रिज़र्व किया जाना जरूरी है, ताकि शरीर से अंग निकालने में बॉडी खराब ना हो जाए। अंग निकालने के अलावा आपकी बॉडी का प्रयोग रिसर्च या शिक्षा आदि के लिए भी किया जा सकता है।
- अंग दान के लिए रजिस्टर कराने के बाद भी बॉडी को रिजेक्ट भी किया जा सकता है। अगर बॉडी बहुत खराब हो गई हो, किसी बड़ी सर्जरी से गुज़री हो, शरीर क्षत-विक्षत हो गया हो तो बॉडी लेने से इंकार किया जा सकता है।
हालांकि बहुत कम मेडिकल कंडीशन आपको डोनेट करने से मना कर सकती है। यह निर्णय सख्त चिकित्सा मानदंडों पर आधारित है।
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Source : News Nation Bureau