आज पूरे विश्व में टीबी के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। टीबी मैकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया फैलता है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है।
टीबी की रोकथाम के लिए इलाज बेहद जरूरी है इसे फैलने से रोका जा सकता है।
टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक हवा के जरिये फैलता है। टीबी से ग्रस्त जब कोई मरीज खांसता, छींकता या थूकता है तब टीबी के कीटाणु हवा में फ़ैल जाते है। अगर यह कीटाणु हवा के जरिये आपके शरीर में चले जाये तब भी आपको टीबी हो सकता है।
टीबी जीवाणु से ग्रस्त लोगों में टीबी से बीमार होने का 5-15% आजीवन जोखिम होता है हालांकि, एचआईवी, कुपोषण या मधुमेह से ग्रसित या तम्बाकू का चबाने वाले लोगों में बीमार होने का खतरा ज्यादा रहता है।
भारत में टीबी गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है। साल 2016 में 4,23,000 लोग टीबी के कारण अपनी जान गंवा बैठे थे।
पिछले साल 2017 में अक्टूबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन सात देशों की लिस्ट में शामिल था जहां ,टीबी के सबसे ज्यादा मरीज है।
2016 में विश्वभर में 104 मिलियन टीबी के मामले सामने आये थे। टीबी एक बेहद संक्रामक बीमारी है। इसका इलाज पूरी अवधि के लिए तय दवाएं सही समय पर लेने से इसे ठीक किया जा सकता है। ड्रग रेजीमैन या दवा के इस पूरे कोर्स को डॉट्स कहा जाता है और इसे संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) के तहत मुफ्त प्रदान किया जाता है।
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टीबी के लक्षण
- लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना
- खांसी करने पर बलगम में थूक का आना
- छाती में दर्द और सांस का फूलना
- अचानक से वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
- शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
- रात में पसीना आना
डब्ल्यूएचओ की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2017 के अनुसार भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान , नाजीरिया और साउथ अफ्रीका में इससे गंभीर रूप से प्रभावित है।
भारत के अलावा चीन और रूस में 2016 में दर्ज किए मामलों में करीब आधे 4,90,000 मामलें मल्टीड्रग-रेसिस्टैंट टीबी के है।
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Source : News Nation Bureau