मुस्लिम योग प्रशिक्षक ने कहा- हिंदू या मुस्लिम कोई भी करे सूर्य नमस्कार, होंगे ये फायदे

मकर संक्रांति (makar sankranti) के अवसर पर वैश्विक स्तर पर सूर्य नमस्कार (surya namaskar) का आयोजन होगा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने कहा था कि इस्लाम के हिसाब से सूर्य नमस्कार जायज नहीं है.

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Apoorv Srivastava
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Surya namaskar

Surya namaskar ( Photo Credit : tweeter )

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Surya namaskar on makar sankranti: 14 जनवरी को पूरे देश में करोड़ों लोग सूर्य नमस्कार (surya namaskar) करेंगे. मकर संक्रांति (makar sankranti) के अवसर पर आयुष मंत्रालय ( Ministry of AYUSH) की ओर से सूर्य नमस्कार का वैश्विक आयोजन किया जा रहा है. हालांकि सरकार के इस फैसले को लेकर काफी विवाद रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हाल ही में स्कूलों में सूर्य नमस्कार कराने का विरोध किया था.  मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने दावा किया था कि सूर्य नमस्कार मुस्लिमों के लिए अनुकूल नहीं है. ये इस्लाम के खिलाफ है. हालांकि मुख्तार अब्बास नकवी सहित कई नेताओ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से असहमति जताई थी. अब  कोरोना के चलते सरकार ने भी फैसला किया है कि 14 जनवरी को स्कूलों में सूर्य नमस्कार नहीं होगा लेकिन इसके अलावा पूरे देश में व अन्य देशों में भी करोड़ों लोग अपने-अपने स्तर पर सूर्य नमस्कार करेंगे. 

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इस मामले में लखनऊ के  योग विशेषज्ञ निकेत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सूर्य नमस्कार किस धर्म के अनुकूल है और किसके प्रतिकूल ये तो धर्म के विशेषज्ञ बता सकते हैं लेकिन इस बात में कोई संशय नहीं है कि सूर्य नमस्कार कोई भी करे, उसे फायदा होगा ही होगा. हिंदू, मुस्लिम, सिख कोई भी सूर्य नमस्कार करे, उसे कई लाभ होंगे. निकेत सिंह ने बताया कि सूर्य नमस्कार करने से शरीर के अनेक रोग ठीक होते हैं. तनाव, अनिद्रा, कमजोरी दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार बहुत फायदेमंद है. खासतौर से अवसाद को दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार बहुत ही फायदेमंद है. कब्ज, मोटापा आदि ठीक करने में भी सूर्य नमस्कार लाभदायक है. 

इसके अलावा हरिद्वार में योग प्रशिक्षक गुलाम अस्करी जैदी ने बताया कि योग में बहुत सारे आसन हैं, जिनके अपने-अपने लाभ है. ऐसे ही 12 आसनों का समुच्चय (कंपाइलेशन) योग के विशेषज्ञों ने बनाया, जिसे हिंदू, मुस्लिम या अन्य किसी भी धर्म या पंथ का व्यक्ति करे, उसे इन 12 आसनों के यौगिक लाभ मिलेंगे. इन्हीं 12 आसनों के समुच्चय को सूर्य नमस्कार कहते हैं. यह आसन किसी भी योग प्रशिक्षक की देखरेख में किए जाने चाहिए. 

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