बच्चे हो, बड़े हो या बुजुर्ग सभी को बेहतर स्वास्थ्य के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी होता है. खास कर आज के इस दौर में. आज के दशकों पहले तक माना जाता था कि डायबिटीज, हृदय रोग आदि जैसी गंभीर बीमारियां बढ़ते उम्र के साथ उत्पन्न होती है लेकिन आज के समय में ये बीमारियां आम हो गई और ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं, जहां कम उम्र के बच्चे भी इन गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए हैं. ऐसे में बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों को सेहतमंद रहने और इन बीमारियों से बचने के लिए पौष्टिक खान-पान के साथ नियमित तौर पर योगासन को जीवनशैली में शामिल जरूर करना काफी जरूरी है. तो आइये इस लेख में जानते हैं कि बच्चे, बड़े या बुजुर्ग अपनी उम्र के अनुसार कौन-से योगासन करें.
अधोमुख शवासन योग करें नियमित
अधोमुख शवासन योग करने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है और इसे हर आयु के लोग आसानी से कर सकते हैं. अधोमुख योगासन ब्लड सकुर्लेशन के लिए बहुत अच्छा होता है. इस योगासन को करने से दिमाग शांत रहता है और हर तरह की चिंता से मुक्ति मिलती है. शरीर को ताकत मिलती है. कमर दर्द, सिर दर्द, थकान और अनिद्रा जैसी समस्या को दूर करने में भी ये योगासन काफी मददगार होता है.
ये भी पढ़ें: Dry cough: सूखी खांसी कर रही है परेशान तो जरूर आजमाएं ये घरेलू उपाय
प्राणायाम का अभ्यास
बच्चे हो, बड़े हो या बुजुर्ग सभी आयु के लोग नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं. ये योगासन दिमाग को शांत रखने में काफी लाभकारी है. साथ ही एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक है. प्राणायाम योगासन शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाता है और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के स्तर को कम करता है. साथ ही प्राणायाम का अभ्यास से मन, शरीर और आत्मा का तालमेल बनता है. प्राणायाम का नियमित अभ्यास फेफड़ों की मजबूती, अच्छी नींद, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए भी काफी असरदार है.
भुजंगासन का करें अभ्यास
गलत दिनचर्या के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी कमर दर्द, पीठ और रीढ़ संबंधित बीमारियों से परेशान हैं. हालांकि इन बीमारियों से निजात पाने के लिए भुजंगासन योगासन अपना सकते हैं. इस योगासन से शरीर को काफी आराम मिलेगा. इससे मांसपेशियां मजबूत होती है और छाती, कंधों और पेट को फैलने से भी रोकता है. तनाव और थकान को दूर करने में भी ये काफी असरदार है.