कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को ही सबसे असरदार हथियार माना जा रहा है. देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महीने के अंत तक वैक्सीन का आंकड़ा 100 करोड़ को पार कर जाएगा. हालांकि 18 साल से कम के लिए वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है. दवा कंपनी जायडस कैडिला ने इनके लिए जॉयकोव-डी तैयार की है. अब इसकी कीमत तय करने को लेकर चर्चा जारी है. माना जा रहा है कि कंपनी अपने इस तीन खुराक वाली वैक्सीन के लिए 1900 रुपये मांग रही है. हालांकि सरकार इसे कम कराने के लिए बातचीत कर रही है. जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला आ सकता है.
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सरकार कर रही कंपनी से बातचीत
सूत्रों के मुताबिक कंपनी की ओर से वैक्सीन की तीन खुराकों के लिए 1900 रुपये कीमत तय की गई है. हालांकि सरकार ने इस पर पुनर्विचार करने को कहा है. सरकार का कहना है कि जॉयकोव-डी का मूल्य कोवॉक्सिन व कोविशील्ड से अलग होना चाहिए, क्योंकि इसे लगाने के लिए सुई मुक्त जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल होगा. इस इंजेक्टर का मूल्य 30 हजार रुपये है. इसकी मदद से करीब 20 हजार लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा सकती है. केंद्र सरकार यह साफ कर चुकी है कि दुनिया की इस पहली डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन को जल्द ही नेशनल वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इस वैक्सीन की विशेषता यह है कि यह बगैर सुई के इस्तेमाल के लगाई जाएगी.
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वैक्सीन की लगेंगी तीन डोज
जॉयकोव-डी वैक्सीन की तीन खुराक लगाई जाएंगी. इसकी पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी और 56 दिन बाद तीसरी. स्वास्थ्य मंत्रालय नेशनल टेक्नीकल एडवायजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन (NTAGI) की सिफारिशों का इंजतार कर रही है. यह ग्रुप इस टीके को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने को लेकर विचार कर रहा है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह 12 से 18 साल के आयुवर्ग के बच्चों को भी लगाया जा सकेगा, जिनके लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है.
HIGHLIGHTS
- तीन खुराक में दी जाएगी जॉयकोव-डी
- 12 से 18 साल के बच्चों को भी लगेगी
- दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन
Source : News Nation Bureau