Obesity affects Brain: मोटापे के कारण अकसर इंसान कई बीमारियों जूझता होता है. इसके साथ ही उनकी सोचने समझने की क्षमता पर भी असर होता है. यह जानकारी एम्स की ओर से जारी सर्वे में सामने आई है. डॉक्टरों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक सर्वे कराया है. यह सर्वे 400 लोगों पर किया गया है. अध्ययन में सामने आया है कि मोटापे से पीड़ित लोगों में सोचने समझने की क्षमता पर असर पड़ता है. उनकी एकाग्रता पर भी बिगड़ती है. ऐसे लोगों को देरी से चीजें समझ में आती हैं. सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
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मनोचिकित्सक विभाग, मेडिसिन विभाग, दिल्ली यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस सर्वे को अंजाम दिया है. इसमें 400 लोगों को शोध के लिए रखा गया, जिनकी औसत आयु 37 वर्ष और बीएमआई 26.7 वर्गमीटर था. इनकी मोट्रियल कॉग्नेटिव असेसमेंट स्केल से जांच की गई.
पेट की चर्बी दिमाग को बनाती है बूढ़ा
पेट की चर्बी बढ़ जाने से दिमाग बूढ़ा हो जाता है. अमेरिका हुए शोध में पता है कि चर्बी बढ़ने के कारण दिमाग तेजी से बूढ़ा होता है. चर्बी बढ़ने से एक खास तरह का हार्मोन निकलता है, जो अलजाइमर को जन्म देता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर से चर्बी को अगर खत्म नहीं किया जाता तो वजन बढ़ने के साथ दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है. इससे दिमाग में रक्त का संचालन कम होता है.
मेटाबोलिजम में असंतुलन देखा गया
ब्रिटेन भी इस तरह का शोध पहले किया गया था. जिसमें 6 हजार लोगों पर चुना गया. शोध में भाग लेने वाली की उम्र 35 से 55 के आसपास थी. इनका साल में तीन बार सोचने समझने का परीक्षण लिया गया. इनके मेटाबोलिजम में असंतुलन देखा गया. इस शोध में भी पाया गया है कि ऐसे लोगों की सोचने समझने की क्षमता अन्य लोगों के मुकाबले कम होती है. एक अन्य शोध में यह पाया गया कि जैसे-जैसे मोटापा बढ़ता है, वैसे-वैसे दिमाग में खून की सप्लाई कम हो जाती है. इसका सीधा असर हमारी याददाश्त पर भी पड़ता है.