Childrens Screen Time: आज के समय में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बहुत आम हो गया है. बड़े लोग इसे समझदारी से इस्तेमाल करते हैं, लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है. माता-पिता को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की होती है कि उनके बच्चे स्मार्टफोन की लत में फंस रहे हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि बच्चों को स्मार्टफोन की लत से कैसे बचाया जा सकता है और इसके क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
बच्चों की चिंता क्यों?
छोटे बच्चों को चुप कराने के लिए अक्सर स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया जाता है. बच्चे रो रहे हों तो उनके हाथ में फोन देने से वे चुप हो जाते हैं. लेकिन अधिक समय तक फोन पर वीडियो देखने से उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर निगेटिव इंपैक्ट पड़ सकता है. इसका असर उनकी याददाश्त और मानसिक संतुलन पर भी पड़ता है.
स्मार्टफोन-फ्री चाइल्डहुड अभियान
पश्चिमी देशों में बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करने के लिए स्मार्टफोन-फ्री चाइल्डहुड जैसी मुहिम चलाई जा रही है. इसके परिणामस्वरूप कुछ देशों में बच्चों का स्क्रीन टाइम कम हुआ है. इस मुहिम का उद्देश्य बच्चों को स्मार्टफोन की लत से बचाना है.
मोबाइल की लत के नुकसान
विशेषज्ञ मानते हैं कि मोबाइल की लत बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बना सकती है. इससे बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है. फोन की लत के कारण बच्चे सोशल एक्टिविटी से भी दूर हो जाते हैं, जिससे उनका विकास रुक जाता है.
बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखने के उपाय
- माता-पिता को बच्चों को फोन तभी देना चाहिए जब बहुत जरूरी हो. बिना वजह फोन देने से यह बड़ी परेशानी बन सकती है.
- कई ऐसे टूल्स होते हैं जिनका इस्तेमाल बच्चों का स्क्रीन टाइम कंट्रोल करने के लिए किया जा सकता है.
- अपने डिवाइस पर मजबूत पासवर्ड रखें ताकि बच्चों के लिए उन्हें खोलना आसान न हो.
- बच्चों को फोन से दूर रखने का सबसे आसान तरीका है कि उन पर निगरानी रखें. यह ध्यान दें कि बच्चे कितना समय फोन पर बिता रहे हैं.
- सिर्फ फोन ही नहीं, बच्चों को टीवी और अन्य डिवाइस से भी दूर रखना जरूरी है. टीवी देखने से भी बच्चों को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.
बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखना एक चुनौती हो सकता है, लेकिन यह उनकी सेहत और भविष्य के लिए बहुत जरूरी है. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करने के लिए जरूरी कदम उठाएं और उन्हें स्मार्टफोन की लत से बचाएं. इससे बच्चे स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकेंगे.