Heart Attack: हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देखते ही देखते कुछ मिनटों में लोगों की हार्ट अटैक से जान चली जा रही है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब लोगों को कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ जाता है और उनकी जान चली जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि बुढ़ापे की बीमारी माने जाने वाली दिल की बीमारी बेहद उम्र में लोगों को कैसे अपनी चपेट में ले रही है. ऐसा लगता है कि हार्ट अटैक अब लाइफस्टाइल डिजीज बन गया है. क्या आपको पता है हार्ट अटैक आने से पहले क्या होता है? या फिर किस उम्र के बाद लोगों में इसका खतरा बढ़ जाता है, आइए जानते हैं.
भारत में बढ़ रहे मामले
मेडिकल जनरल लैंसेट की एक रिपोर्ट में हार्ट अटैक को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 100 में से 28.1 लोगों की मौत हार्ट अटैक और स्ट्रोक से हो रही है. साल 1990 से लेकर 2016 की बात करें तो इस बीच हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक से मरने वालों में 50 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 साल से कम है. इसमें भी बड़ी संख्या में 50 साल के आसपास के लोग हैं. हार्ट अटैक और स्ट्रोक से पुरुषों की मौत महिलाओं से ज्यादा होती है.
हार्ट अटैक आने से पहले ऐसा होता है एहसास (Heart attack symptoms)
सीने में दर्द या आपकी छाती या बाहों में दर्द का अहसास जो आपकी गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल सकती है.
छाती (सीने) में दबाव और जकड़न
अचानक चक्कर आना
उल्टी, अपच या पेट दर्द
श्वांस – प्रणाली की समस्याएं
अत्यधिक पसीना बहना
थकान लगना
सूजे हुए पैर
हालांकि सभी लोगों में यह लक्षण समान नहीं हो सकते हैं
साइलेंट हार्ट अटैक को न करें नजरअंदाज
कई लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा भी होता है. ऐसे में हार्ट अटैक से पहले सीने में जकड़न, घबराहट, सांस लेने में कठिनाई और पसीना आना जैसी समस्याएं होती हैं. कई बार लोग इसे एक आम समस्या समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं और कुछ दर्द निवारक दवा लेकर सो जाते हैं या थोड़ी देर आराम करना पसंद करते हैं. लेकिन यह एक साइलेंट मोड में दिल का दौरा हो सकता है, जिसे साइलेंट हार्ट अटैक के नाम से जाना जाता है. हार्ट अटैक के जिन लक्षणों से ज्यादातर लोग वाकिफ हैं, जैसे सीने में तेज दर्द, चक्कर आना और गिरना आदि, ये सभी ऐसे लक्षण हैं जो गंभीर अटैक आने के बाद आते हैं.
इस लिए कमजोर हो रहा दिल
हार्ट अटैक (heart attack) के मामले बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण तनाव या स्ट्रेस होता है. इसके कारण व्यक्ति के शरीर में एक हार्मोन निकलता है जो सूजन को बढ़ावा देता है. जिसका सीधा प्रभाव हृदय पर पड़ता है. लंबे समय तक तनाव में रहने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. तनाव के कारण जीवनशैली और खान-पान भी बिगड़ जाता है. सेंटर ऑफ हीलिंग ने 2020 में 10 हजार भारतीयों पर एक सर्वे किया था, जिसमें पता चला था कि 74 फीसदी भारतीय तनाव से पीड़ित हैं.
WHO के अनुसार ऐसी हो डाइट
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया के एक अध्ययन से पता चलता है कि शहरी भारतीय रोजाना औसतन 11 ग्राम नमक, 10 चम्मच चीनी और 32.6 ग्राम तेल-घी का सेवन करते हैं. वहीं, WHO की सलाह है कि रोजाना 6 ग्राम नमक, 6 चम्मच चीनी और 20 ग्राम तेल-घी खाना चाहिए. आईसीएमआर के मुताबिक ज्यादा चीनी, नमक और तेल-घी खाने से दिल को नुकसान पहुंचता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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