हर साल जून महीने की 7 तारीख को दुनियाभर में World Food Safety Day मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य लोगों में खाने के प्रति सुरक्षा का महत्व बताना है. खाने से होने वाले किसी भी तरह के रिस्क को कम करने और उसे पकड़ने के लिए ही फूड सेफ्टी डे मनाया जाता है. पहली बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून 2019 को मनाया गया था. सुरक्षित भोजन और बेहतर स्वास्थ्य इस थीम के साथ यह दिन मनाया जा रहा है.
क्या है इसका इतिहास
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे को 18 दिसंबर को यूनाइटेड नेशन जनरल एसेंबली ने फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर बनाया। पहली बार ये दिन 7 जून 2019 को सेलिब्रेट किया गया। इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य स्वास्थ्य, भूख और खेती से जुड़े लक्ष्यों को पाने के साथ खाने की सुरक्षा की जरूरतों पर ध्यान दिलाने के लिए किया गया।
क्या है इसका उद्देश्य
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरुकता फैलाना है। जिससे कि लोग जागरुक हो सकें कि जो खाना वो लोग खा रहे हैं को साफ और सुरक्षित, खाने योग्य है या नहीं? इसके साथ ही इस डे को मनाने का उद्देश्य सरकार, बिजनेस और ग्राहकों को एक्शन लेने के लिए प्रेरित करना जिससे कि साफ खाने की आदत बन सके। साथ ही खेत में और मैन्यूफैक्चरिंग के दौरान भी खाना साफ सुथरा ही बने। साल 2024 में वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम है फूड सेफ्टीः अप्रत्याशित लोगों के लिए खाना तैयार करो।
क्यों जरूरी है वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे
खाने की सुरक्षा किसी आम जनता का मौलिक अधिकार है। गंदे और असुरक्षित खाने से हार्मफुल बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और कैमिकल होते हैं जो लगभग 200 बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। जिसमे डायरिया से लेकर कैंसर तक शामिल है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार लगभग 6 मिलियन लोग प्रदूषित खाना खाकर हर साल बीमार पड़ जाते हैं। वहीं प्रदूषित खाने से करीब चार लाख बीस हजार मौतें भी हो चुकी हैं। खाने से पैदा होने वाली बीमारी बहुत सारी पॉपुलेशन पर असर डालती है। जिसमे बच्चों से लेकर प्रेग्नेंट महिला, बूढ़े और खराब हेल्थ वाले भी शामिल हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है).