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अग्निपथ योजना: भारत की सुरक्षा और सैन्य ताकत के लिए परिवर्तनकारी कदम

अग्निपथ योजना केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई ऐसी योजना है जो राष्ट्री सुरक्षा को और मजबूती देगी. हालांकि खर्चों और कौशल को संतुलित करने जैसी चुनौतियां का समाधान भी इसी के जरिए मिल सकता है.

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Dheeraj Sharma
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सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाई गई अग्निपथ योजना काफी मंथन और विचार के बाद शुरू की गई. इस योजना के जरिए सरकार ने भारत के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया. उन्हें और ज्यादा सशक्त, अनुशासित और कौशल से संपन्न बनाया जाएगा. इसके साथ ही बदलती परिस्थितियों के मुताबिक युद्ध की तैयारियों को भी पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर बनाया जा सकेगा.

स्ट्राइव इंडिया थिंक-टैंक के अकादमिक प्रमुख और सेंटर फॉर लैंड एंड वारफेयर स्टडीज (CLAWS) के प्रतिष्ठित फेलो मेजर जनरल हर्षा कक्कड़ (सेवानिवृत्त) के मुताबिक यह योजना भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. आलोचकों ने अक्सर पेंशन बिल को कम करने की योजना के इरादे पर ध्यान केंद्रित किया है, जो विवाद का विषय बना है. 

आर्थिक चिंताओं के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा

रक्षा बजट पर पेंशन का वित्तीय बोझ काफी अहम है.  वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, रक्षा पेंशन का रक्षा बजट में 22.70 फीसदी हिस्सा था, जबकि पूंजीगत खर्चों की बात करें तो  यह 27.66 प्रतिशत था.  

इसके अलावा राजस्व पर 14.82 फीसदी जबकि वेतन और भत्ते 30.66 फीसदी थे.  आलोचना करने वालों का तर्क यह है कि आर्थिक चिंताओं के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.  इस मामले पर एडमिरल अरुण प्रकाश और जनरल अशोक शिवाने का कहना है कि रक्षा कर्मियों के लिए प्रति व्यक्ति पेंशन नागरिक समकक्षों की तुलना में कम है, सशस्त्र बल एकमात्र सरकारी संगठन है जो राष्ट्रीय पेंशन योजना में शामिल नहीं है. 

क्या है अग्निपथ योजना का मकसद?

इन चुनौतियों के बाद भी केंद्र सरकार को राष्ट्रीय रक्षा के साथ-साथ अन्य प्राथमिकताओं जैसे बुनियादी ढांचा विकास और सामाजिक कल्याण के साथ संतुलित करना होगा. उन्होंने कहा कि दिवंगत राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में आर्थिक विकास और रक्षा क्षमता के दोहरे महत्व पर जोर दिया.  ऐसे में अग्निपथ योजना का मकसद राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता किए बिना इन आर्थिक और परिचालन चुनौतियों का समाधान करना है. 

अग्निपथ योजना के उद्देश्यों में से एक उद्देश्य सैनिकों की आयु प्रोफ़ाइल को कम करना है. सशस्त्र बलों में वर्तमान में प्रत्येक सेवारत सैनिक के लिए 2.4 पेंशनभोगी हैं, जो लंबे वक्त तक रहने की वजह से अनुपात को अस्थिर करते हैं. ऐसे में एक युवा को मौका देने से न सिर्फ वह ज्यादा चुस्ती औऱ फुर्ती के साथ काम करेगा बल्कि इस अनुपात को भी बैलेंस करने का काम करेगा. 

ज्यादा प्रभावी है नई प्रशिक्षण प्रणाली?

आलोचकों ने प्रशिक्षण अवधि में कमी और अग्निवीरों की क्षमताओं पर सवाल उठाए हैं. लेकिन जमीनी तौर पर देखें तो नई प्रशिक्षण पद्धतियां ज्यादा प्रभावी हैं. जहां भी इन अग्निवीरों की तैनाती है वहां ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण जारी है. 

5 साल के बाद बाहर निकलने वाले शॉर्ट सर्विस अधिकारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अहम फैसले दिया. इन शॉर्ट सर्विस वालों को लाभ देने के वाले इस फैसले के तहत अग्निवीरों के लिए चार साल की अनुबंध अवधि को प्रभावित किया है. इस फैसले का उद्देश्य भी सरकार पर वित्तीय बोझ का प्रबंधन करना है और साथ ही सुनिश्चित करना कि सेना सक्षम और कुशल बनी रहे. 

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अग्निपथ योजना व्यापक सैन्य सुधारों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है. इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की स्थापना और थिएटर कमांड का आसन्न निर्माण शामिल है. ये सुधार संयुक्त संचालन को बढ़ाने और सैन्य संरचनाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.

सशस्त्र बलों को तकनीकी तौर पर और ज्यादा सक्षम बनाया जा रहा है. इसमें  आकार घटाने के बजाय "सही आकार" देने पर जोर दिया जा रहा है.  हालांकि आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त धनराशि एकत्र करना भी चुनौती है.  बढ़ते खतरों को देखते हुए जीडीपी के 2 फीसदी से कम रक्षा बजट को अपर्याप्त माना जाता है.  

भारत सरकार को विकसित देशों जैसे अमेरिका या चीन के उलट अन्य राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ रक्षा आवश्यकताओं को संतुलित करना होगा. 

राजनीतिक और परिचालन चुनौतियां 

अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेना के भीतर पेंशन प्रणाली, आयु प्रोफ़ाइल और चिकित्सा श्रेणियों में विसंगतियों को दूर करना है.  हालांकि इसके कार्यान्वयन को लेकर लगातार आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है. खास तौर पर एक तरह की आकार हर श्रेणी को लेकर सवाल खड़े करता है. 

इस योजना के तहत सैन्य नेतृत्व की व्यापक समीक्षा की जा रही है. इसकी कमियों को दूर करने और इसके क्रियान्वयन से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. सरकार को चाहिए कि सुझावों को खुले दिमाग से सुने और यह सुनिश्चित करे कि योजना वर्तमान जरूरतों को पूरा करे. 

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक सहयोगी प्रयास

राष्ट्र की सुरक्षा किसी एक की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है. इसमें विभिन्न हितधारकों को एक साथ काम करना शामिल है.  अग्निपथ योजना अपनी चुनौतियों के बावजूद, भारत के सशस्त्र बलों के चल रहे परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है.  

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अग्निपथ योजना एक परिवर्तनकारी पहल

अग्निपथ योजना एक परिवर्तनकारी पहल है जो आर्थिक तौर एक सक्षम और कुशल सेना की जरूरत के साथ संतुलित बनाने की कोशिश करती है. जैसे-जैसे योजना विकसित होती है सरकार और सैन्य नेतृत्व को सहयोग करना होगा. यह सुनिश्चित करना होगा कि  खतरों के सामने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत और लचीली बनी रहे.

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