Air Pollution: देशभर में दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. गुरुवार ही नहीं शुक्रवार को भी लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और खुशियां मनाई. लेकिन पटाखों के शोर और उससे निकलने धुएं ने देश के ज्यादातर शहरों की आबोहवा को खराब कर दिया. दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि देश के बड़े-बड़े महानगरों से लेकर छोटे शहरों की हवा भी खराब हो गई. पहाड़ों से लेकर मैदान तक लोगों को खुली हवा में सांस लेने में दिक्कतें होने लगी. तमाम पाबंदियों के बावजूद भी लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े. जिससे प्रदूषण का स्तर काफी ऊपर पहुंच गया.
दिवाली के बाद प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी
दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के एक दिन बाद प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक में बड़ा अंतर देखने को मिला. इस दौरान ज्याादतर शहरों में एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया. लेकिन तेज हवाओं के चलते इस बार पिछले सालों की तुलना में एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ी सी कमी दर्ज की गई. जो एक राहत बड़ी खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक, हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी थी, जो सुबह 11:30 बजे से शाम छह बजे तक 12 से 16 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई. इसके बाद शुक्रवार सुबह तक हवा की गति 3 से 7 किमी प्रति घंटा रही.
राजधानी में आधी रात के बाद खूब जले पटाखे
राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी पटाखों पर पूर्ण तरह से पाबंदी लगाई गई, लेकिन त्योहार की खुशी में लोग खुद को पटाखे जलाने से रोक नहीं पाए और आधी रात के बाद भी जमकर आतिशबाजी हुई. बावजूद इसके राजधानी के किसी हिस्से में इस बार वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में दर्ज नहीं किया गया. जो बड़ी राहत की बात है.
राजधानी में गुरुवार को पटाखे जलने से पहले शाम छह-सात बजे तक प्रदूषण काफी कम था, लेकिन शाम 8 बजे के बाद पटाखे जलने से इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई. उसके बाद इसमें हर घंटे बढ़ोतरी दर्ज की गई. उसके बाद शाम सात बजे दिल्ली का एक्यूआइ 327 दर्ज किया गया. जो बहुत खराब श्रेणी में था. उसके बाद रात 11 बजे ये बढ़कर 330 हो गया. जबकि शुक्रवार सुबह सात बजे ये 362 हो गया.
देश के अन्य शहरों में बढ़ा प्रदूषण
उधर चंडीगढ़ में रात 8 से दस बजे तक आतिशबाजी की अनुमति थी लेकिन लेकिन लोगों ने समय से पहले ही पटाखे छोड़ना शुरू कर दिया. जिसके चलते एक्यूआइ 395 पहुंच गया. जो एक दिन पहले 250 दर्ज किया गया. वहीं सामान्य दिनों में चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 रहता है. दिवाली के मौके पर पहाड़ों पर भी जमकर आतिशबाजी हुई. वहीं यूपी से लेकर बिहार तक पटाखों का शोर सुनाई दिया. बिहार की राजधानी पटना में सामान्य दिनों की तुलना में दीवाली की रात हवा की गुणवत्ता खराब रही. कोलकाता में भी पटाखे छोड़कर जश्न मनाया गया.