आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति शैली पर टिप्पणी करते हुए उनकी रणनीति की सराहना की. 2024 एचटी लीडरशिप समिट में बोलते हुए नायडू ने दावा किया कि पीएम मोदी पहले से ही 2029 के आम चुनाव के लिए रणनीति बना चुके हैं. उन्होंने मोदी के नेतृत्व के तरीके और उनकी राजनीति में अपने सहयोगियों को शामिल करने के तरीकों की प्रशंसा की.
मोदी की राजनीति शैली की तारीफ
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा अगले चुनाव की तैयारी में जुटे रहते हैं. उन्होंने कहा, "वह (मोदी) हमेशा अगले चुनाव के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही इसके लिए योजना बना ली है और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर राष्ट्र के हित में काम कर रहे हैं. इसी तरह वह मिशन मोड में काम करते हैं." नायडू ने मोदी के नेतृत्व में उनके सहयोगियों के विचारों का सम्मान करने की प्रशंसा की और इसे एक मजबूत और प्रगतिशील नेतृत्व बताया.
मोदी का नेतृत्व
सहयोगियों का सम्मान
नायडू ने प्रधानमंत्री मोदी की शैली को सराहा, जिसमें वे अपने सहयोगियों के विचारों का सम्मान करते हैं. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद, मोदी ने एनडीए के सभी मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की और चार घंटे तक लगातार बैठक की. नायडू ने कहा, "वे एक मजबूत नेता हैं, जो आधुनिक और प्रगतिशील सोच रखते हैं. यह प्रधानमंत्री का कूटनीतिक कौशल है कि वह सबको साथ लेकर चलते हैं."
राजनीति में बदलाव: मोदी से क्या सीखा?
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि अपने शुरुआती सालों में उन्होंने मुख्य रूप से शासन और नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन समय के साथ उन्हें यह एहसास हुआ कि जनता से सीधे जुड़ना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. नायडू ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे यह सिखाया कि राजनीति केवल नीतियों तक सीमित नहीं होती, बल्कि आपको जनता के साथ भी जुड़ना होता है. वह (मोदी) यही कर रहे हैं, वह लोगों को अपने साथ लेकर चल रहे हैं."
जेल की सजा और ताकतवर वापसी
नायडू ने इस मौके पर यह भी बताया कि उन्हें 2023 में राजनीतिक कारणों से जेल भेजा गया था, लेकिन वह इससे और मजबूत होकर बाहर आए. उन्होंने कहा, "मैंने बहुत सारी सार्वजनिक नीतियां लागू की हैं और कोई भी मुझ पर दोष नहीं लगा सका. बिना किसी कारण के मुझे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन मुझे पूरा यकीन था कि मैं सही हूं. इस अनुभव ने मुझे और दृढ़ बना दिया है." नायडू ने यह भी कहा कि जेल में रहते हुए उन्होंने अपनी ताकत और साहस को पहचाना.