Assembly Election Date: चुनाव आयोग द्वारा आज दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. इस महत्वपूर्ण घोषणा के साथ ही इन राज्यों में राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ जाएगी. आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए मीडिया को आमंत्रित किया है, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किन राज्यों के चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी.
चुनाव आयोग की तैयारियां और संभावनाएं
आपको बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र की विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 3 नवंबर और 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है. इस लिहाज से अक्टूबर और नवंबर में इन राज्यों में चुनाव कराए जाने की संभावना है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार, वहां 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न कराए जाने की योजना है. निर्वाचन आयोग की टीम हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा कर चुकी है और चुनावी तैयारियों का जायजा लिया है. हालांकि, महाराष्ट्र का दौरा अभी तक नहीं किया गया है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव अलग-अलग हो सकते हैं.
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हरियाणा और महाराष्ट्र में बदलते समीकरण
वहीं पिछले तीन विधानसभा चुनावों में हरियाणा और महाराष्ट्र में मतदान एक साथ कराया गया था, लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग हो सकती हैं. अनुमान है कि महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, जबकि हरियाणा के चुनाव को अलग से आयोजित किया जा सकता है. हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिससे इस राज्य में अक्टूबर में चुनाव होने की प्रबल संभावना है. इन चुनावों में बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे और राज्य के विकास की गति जैसे नए और पुराने मुद्दे प्रमुख भूमिका निभाएंगे.
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद बढ़ी सीटें
इसके साथ ही आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव आयोजित हुए थे, जिसमें पांच चरणों में मतदान प्रक्रिया पूरी हुई थी. परिसीमन के बाद अब जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हो गई हैं. इस बार भी पांच चरणों में चुनाव कराए जाने की संभावना है. चुनाव आयोग के लिए जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी चुनौती प्रत्याशियों की सुरक्षा है, क्योंकि यह इलाका संवेदनशील है और वहां सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी.
चुनावी बिगुल और आगे की रणनीति
आपको बता दें कि चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही इन राज्यों में राजनीतिक दलों की गतिविधियां और तेज हो जाएंगी. हरियाणा और महाराष्ट्र में जहां सत्ता में काबिज दलों को अपनी स्थिति बचाने की चुनौती होगी, वहीं विपक्ष अपनी रणनीतियों को धार देकर मुकाबले में उतरने के लिए तैयार है. जम्मू-कश्मीर में लंबे समय बाद चुनावी प्रक्रिया होने जा रही है, जिससे वहां के राजनीतिक समीकरण भी दिलचस्प होंगे. आने वाले कुछ महीनों में इन चार राज्यों की सियासी तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी.