Bangladesh Crisis: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपना देश छोड़कर और इस्तीफा देकर भारत आ गई हैं. वह इस समय भारत में ही हैं. इस बीच भारत का स्वतंत्रता दिवस भी नजदीक है. ऐसे में क्या आपको पता है कि हसीना भारत में बैठे शांत बिल्कुल नहीं हैं, वह पीछे-पीछे बड़ा प्लान बना रही हैं. आपको बता दें कि हसीना अपने देश की स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.
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जान लें कि बांग्लादेश में कोटा विरोधी प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना की आवामी लीग से जुड़े सैकड़ों लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया. सड़कों पर उतरे उग्र प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को तोड़ दिया. इन सबके बावजूद उनकी पार्टी बड़ी तैयारी में है. शेख हसीना की पार्टी ने 15 अगस्त को लेकर खास प्लान बनाया है. आवामी लीग 15 अगस्त को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की 9वीं वर्षगांठ के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करने की तैयारी कर रही है.
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आवामी लीग के कई शीर्ष नेता छिप गए
अवामी लीग के अध्यक्ष और देश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना के इस्तीफे और भारत भाग जाने के बाद आवामी लीग के कई शीर्ष नेता छिप गए हैं. इससे पार्टी की गतिविधियों को लेकर तनाव और बढ़ गया है. लेकिन 15 अगस्त के सिलसिले में आवामी लीग के नेता और कार्यकर्ता बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक आवामी लीग के जमीनी नेता और कार्यकर्ता 15 अगस्त को धान मंडी रोड नंबर 32 पर बंगबंधु भवन में इकट्ठा होने की तैयारी कर रहे हैं. वे तुंगी पारा में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की समाधि पर और साथ ही बने कब्रिस्तान में भी श्रद्धांजलि देने की योजना बना रहे हैं. ताकि 15 अगस्त 1975 को अपनी जान गंवाने वाले बंग बंधु के मृतक परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जा सके.
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शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं
आपको बता दें कि 5 अगस्त के बाद ज्यादातर आवामी लीग नेता छिप गए और कुछ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट तक डिलीट कर दिए थे. राजनीतिक परिवर्तन के बाद बांग्लादेश में प्रतिबंधित जमात इस्लामी फिर से सार्वजनिक रूप से सक्रिय हो गई है. बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया. बता दें कि शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं. कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी बहन के साथ ब्रिटेन में शरण लेने की योजना बनाई थी, जहां उनके परिवार के मेंबर रहते हैं. हालांकि देश के इमीग्रेशन नियमों के मुताबिक शरण अनुरोध पर सिर्फ तभी कार्यवाही की जा सकती है जब कोई व्यक्ति ब्रिटेन में हो और हसीना के पास वहां यात्रा करने के लिए वीजा नहीं है. शेख हसीना के साथ कुछ मंत्री भी बांग्लादेश छोड़कर भारत आए थे.