जौहर यूनिवर्सिटी मामले में आजम खान को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

Jauhar University case: आजम खान को रामपुर की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया.

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Suhel Khan
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सुप्रीम कोर्ट से आजम खान को झटका (File Photo)

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Jauhar University case: (रिपोर्ट- सुशील पांडेय) उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बनी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी मामले में पूर्व सांसद और सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दरअसल, शीर्ष कोर्ट ने सोमवार को जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा करने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ दायर मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति की याचिका पर सुनवाई की.

जिसमें एससी ने याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को कब्जे में लेने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक की थी. जिसे सोमवार को रद्द कर दिया गया.

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अधिग्रहण के फैसले में हस्तक्षेत्र से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी की जमीन पर यूपी सरकार के अधिग्रहण के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर शीर्ष कोर्ट ने मुहर लगा दी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया.

मामले की सुनवाई के दौरान क्या बोले CJI

इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा रिकॉर्ड में स्वीकार किए गए तथ्य यह हैं कि भूमि का आवंट मंत्री के पद का स्पष्ट दुरुपयोग था. जब भूमि का आवंटन हुआ था, तब आजम खान कैबिनेट मंत्री थे. हमें हाईकोर्ट के फैसले में किसी तरह की अनियमितता नहीं दिखती है.

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छात्रों को न हो कोई दिक्कत- मुख्य न्यायाधीष

बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में उसे कोई खामी नज़र नहीं आती है. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी बनाने के लिए अधिग्रहित की गई 450 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन पर सरकार के नियंत्रण का आदेश दिया था. इस आदेश को ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वो सुनिश्चित करें कि वहां पढ़ रहे 300 के करीब छात्रों का दाखिला दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में हो सके.

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