बिहार में लगातार तीन महीने से सबसे अधिक महंगाई देखने को मिली रही है. सितंबर में भी महंगाई रही. बिहार में सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 7.5 फीसद थी, जो राष्ट्रीय औसत 5.5 फीसदी से कहीं अधिक रही.
बिहार के अलावा, छत्तीसगढ़ (7.4%), उत्तर प्रदेश (6.7%), ओडिशा (6.6%) और हरियाणा (6.2%) में भी खूब महंगाई है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा मंहगाई सितंबर में 5.5 फीसद रही, यह नौ महीने के उच्चतम स्तर पर है. महंगाई सबसे अधिक खाने-पीने की चीजों में रही, जैसे- सब्जियां, खाद्य तेल और दाल.
सितंबर में सबसे कम महंगाई दिल्ली में रही. खुदरा महंगाई की दर यहां 3.7 प्रतिशत थी. पश्चिम बंगाल (4.3%) दूसरे, तेलंगाना (4.4%) तीसरे, हिमाचल (4.6%) चौथे और उत्तराखंड (4.7%) पांचवें नंबर पर रहा. ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई सबसे अधिक छत्तीसगढ़ (8%) में रही, उत्तर प्रदेश (7.6%) दूसरे और बिहार (7.6%) तीसरे नंबर पर है. वहीं, शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई सबसे अधिक बिहार (7.1%) में रही.
ब्याज दरों में कटौती
2023-24 के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में कंजम्पशन बास्केट में फूड प्रोडक्ट्स का वेटेज 47.3 फीसद रही. शहरी इलाकों में फूड आइटम्स का वेटेज 29.6 फीसदी है. महंगाई को देखते हुए आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले को फिलहाल रोक सकता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही साफ कर चुक हैं कि दिसंबर में होने वाली एमपीसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है.